चर्चा में

राष्ट्रभाषा हिन्दी साहित्य सम्मेलन में पत्रकारों, कवियों, साहित्यकारों, समाजसेवकों को किया गया सम्मानित

प्रदीप तिग्गा/जशपुरनगर –

अंकभारती के तत्वाधान में सरस्वती शिशु मंदिर बसंत बिहार के सभागार में राष्ट्रभाषा हिन्दी साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें छत्तीसगढ़ के रायपुर, बलरामपुर ,अम्बिकापुर ,जशपुर जिले के अलावा झारखंड के कवि, लेखक, साहित्यकार व समाजसेवी शामिल हुए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुनील कुमार जायसवाल, हिन्दी माध्यम विद्यालय बचाओ अभियान के संयोजक, विशिष्ट अतिथि संतोष कुमार पाण्डेय अभियान आन्दोलन नेतृत्व व देवेन्द्र राव देशमुख अखिल भारतीय वैदिक गणित के संयोजक, डॉ बलराम प्रसाद गुप्ता प्रांतीय सचिव हिन्दी परिषद समेत हिन्दी की सेवा में लेखकों, कवियों, पत्रकारों को ढोल नागाड़े के साथ तिलक लगा कर पुष्प वर्षा करते हुए सभा भवन तक लाया गया।

डॉ. रविन्द्र वर्मा ने गुलदस्ता प्रदान कर अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत मां भारती के छाया चित्र में दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। राजेंद्र प्रेमी के द्वारा हिन्दी भाषा पर कविता प्रस्तुति किया गया। लोदाम के कवि हरिनाथ दास ने पर्यावरण पर कविता प्रस्तुत कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। पारसनाथ जयसवाल ने तिरंगा लहरे कविता की प्रस्तुति दी। मंच संचालन सुभाष चन्द्र वर्मा ने किया। यह सम्मेलन राष्ट्रीय भाषिक महत्व का था, जिसमें परिसंवाद आत्मानन्द स्कूल और हिन्दी विद्यालय।

देवनागरी अंकों की वैज्ञानिकता, विलुप्तता और आवश्यक पर चर्चा हुई। अंकभारती के संचालक डॉ. रविन्द्र वर्मा ने अंकभारती के द्वारा हिन्दी नागरी अंको का इतिहास उसके वतर्मान स्थिति और उपयोग पर प्रकाश डालते हुए किये जा रहे प्रयास और हिन्दी के बढ़ते कदम पर अपने विचार व्यक्त किया। उन्होंने राज्य में हिन्दी माध्यम विद्यालय बचाव आंदोलन और अपने राष्ट्र भाषा में ही शिक्षा दीक्षा हो पर जोर दिये जाने की बात कही। उन्होंने अंकभारती संस्था द्वारा अब तक किये गये प्रयास और वर्षों से संचालित हिन्दी विद्यालय को आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम में तब्दील कर हिन्दी माध्यम विद्यालय को बर्बाद कर हिन्दी के साथ किए जा रहे भेदभाव और उपेक्षा पर चर्चा की गई। डॉ. वर्मा ने हिन्दी माध्यम विद्यालय के पुर्नउत्थान के लिए प्रयास को अवगत कराया।

डॉ. वर्मा ने कहा आओ हिन्दी अंको की ओर लौटे, हिन्दी लिखें पढ़े हिन्दी का सम्मान करें। हिन्दी देश की राष्ट्रभाषा ही नहीं हिन्दी इस देश की सम्मान व पहचान है।

हिन्दी सेवकों के प्रयासों से हिन्दी अंको की होगी वापसी

डॉ बलराम प्रसाद गुप्ता ने हिन्दी भाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा हिन्दी संपर्क भाषा है। उन्होंने कहा मैं बहुभाषी हूं पर मैंने हिन्दी अंको का प्रयोग करता हुं । हिंदुस्तान में हिन्दी भाषा को बढ़ावा देना चाहिए आज हिन्दी के अंक विलुप्त हो रहें है अंग्रेजी भाषा की घुसपैठ हिन्दी के प्रभाव को कम कर रहीं है । हिन्दी सेवकों के प्रयासों से हिन्दी अंको की पाठ्यक्रम में वापसी होगी।

डॉ. वर्मा ने बताया अंकभारती की स्थापना 2015 में किया गया। संस्था का उद्देश्य हिन्दी भाषा का सरंक्षण संवर्धन करना है। शासन ने अंग्रेजी के आत्मानंद विद्यालय खोलकर कई हिन्दी के विद्यालयों को बंद कर दिया है। हिन्दी पढ़ने से लेकर बोलने वालों की संख्या सबसे अधिक है ऐसे में हिन्दी विद्यालयों का बंद होना दुखदायी है। हिन्दी विद्यालयों के समर्थन में मैंने शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा है। हाईकोर्ट में मैंने याचिका दर्ज किया है। जिस पर सुनवाई होना अभी बाकी है। उन्होंने कहा हमें अंग्रेजी से कोई बैर नहीं पर शिक्षा में हिन्दी अंक विलुप्त होने के कगार पर है उनका संरक्षण अतिआवश्यक है। अंक भारती हिन्दी बचाओ अभियान में निरंतर कार्य कर रही है। अंकभारती ने हिन्दी विद्यालयों के समाप्त के विरोध में शासन के विरुद्ध रायगढ़ में 45 दिनों तक धरना प्रदर्शन किया था।

सम्मेलन में इनकी रही उपस्थिति

राष्ट्रभाषा हिन्दी साहित्य सम्मेलन के आयोजन में सांकेत वर्मा का विशेष योगदान रहा। इस सम्मेलन में ममता सिन्हा, द्रोपती यादव, डॉ. मृगेंद्र सिंह, वासुदेवराम यादव, संजय यादव, सुजीत जायसवाल, गणेशनारायण मिश्र, मंगराराम महतो, डॉ.बी.पी गुप्ता, राजेन्द्र गुप्ता, सतेन्द्र पाठक, डॉ राजेन्द्र साहू सिसई, डॉ रोशन बेरियार, शोभा सिंह बतौली, प्रवीण कुमार सिन्हा, जेडी सिंह, सरिता नायक समेत अन्य मौजूद रहें।

यह हुए समानित

राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन में उपस्थित कवियों,साहित्यकारों, पत्रकारों व समाजसेवकों को अंक भारती संस्था के द्वारा महर्षि नारद पत्रकारिता सम्मान नर्मदेश्वर नवीन ओझा, सतेन्द्र कुमार पाठक,राजू सिंह ,मो.अमानउल्ला मलिक, आशीष मिश्रा, जितेन्द्र नारायण सिंह ,जितेन्द्र सिंह को भामाशाह सम्मान डॉ.रोशन बरियार, डॉ साकेत वर्मा , श्रीमती आभा रानी ,राष्ट्रभाषा स्वतंत्रता सेनानी एवं हिन्दी सम्मान श्रीमती चंद्रकांति भगत,जनार्दन सिंह,दिनेश कुमार सिंह,श्रीमती नील कुसुम तिर्की ,मो.मोहिसिन खान, सुखसागर सिंह,श्रीमती शोभा सिंह,विजय कुमार विश्वकर्मा, विजय बहादुर यादव,सुजीत कुमार जयसवाल, अपूर्व त्रिपाठी अंकरत्न सम्मान देवेन्द्र राव देशमुख एवं राजर्षि पुरषोत्तम दस टंडन हिन्दी सेवा सम्मान श्रीमती द्रोपती यादव, डॉ. बलराम प्रसाद गुप्ता, राजेन्द्र प्रेमी, ममता सिन्हा पारसनाथ जयसवाल, हरिनाथ दास मनिकपुरी, वासुदेवराम यादव,गणेश नारायण मिश्र, सुभाष चन्द्र वर्मा,मंगरा राम महतो,डॉ.मृगेन्द्र सिंह ,आशुतोष शर्मा को सम्मानित किया गया।

News36garh Reporter

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