चर्चा में

नवरात्रि आस्था,आराधना,कामना का महापर्व-रविन्द्र द्विवेदी

जांजगीर संवाददाता – राजेन्द्र जायसवाल

नवदुर्गा का अष्टम स्वरूप -महागौरी

जिला जांजगीर चांपा जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़ में नवरात्रि नवदुर्गा पूजन में महागौरी देवी की तिथि अष्टमी को है और उन्हें शांतिदायिनी और प्रकाशमयी शक्ति के रूप में पूजा जाता है। इस मां का रूप उनके प्राकृतिक शांत स्वरूप को प्रतिष्ठित करता है।

महागौरी का रंग श्वेत होता है, जो शांति और पवित्रता का प्रतीक है। उनका चेहरा चांद्रमा के समान सुंदर होता है, जिसके द्वारा उन्हें “महागौरी” कहा जाता है। वे ध्यान में एकाग्र और शांत रूप से दिखती हैं।
महागौरी की दो हाथों में त्रिशूल और डमरू होते हैं, जो शक्ति और नियंत्रण के प्रतीक हैं। उनके वाम हाथ में कमंडलु और कमल होता है, जो शुद्धता और सौंदर्य को प्रतिष्ठित करता है।
महागौरी का वाहन नंदी (नंदी बैल) होता है, जो धर्म का प्रतिष्ठान है। उनका पूजन शांति, सौम्यता, और पवित्रता की प्राप्ति के लिए किया जाता है।

महागौरी की पूजा नवरात्रि के अष्टमी दिवस को की जाती है, जब भक्त उनकी कृपा, शांति, और सौभाग्य के लिए प्रार्थना करते हैं। इस दिन को महागौरी अष्टमी के रूप में मनाया जाता है और उनका विशेष पूजन किया जाता है।

महागौरी पूजा विधान:

1.पूजा के पहले, सभी भक्तों को स्नान करना चाहिए और शुद्ध वस्त्र पहनना चाहिए। 2. पूजा स्थल को सजाना चाहिए। यहां पर मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर रखी जा सकती है।3.पूजा स्थल पर कलश स्थापित करें। कलश में पानी भरकर उसमें सुपारी, नारियल, गंगाजल और दुर्वा रखें। 4.महागौरी की पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करें और उन्हें समर्पित करें। ध्यान में महागौरी की मूर्ति या तस्वीर को देखें।महागौरी देवी के पूजन के लिए इस मंत्र का जाप किया जा सकता है:
ॐ देवी महागौर्यै नमः॥
5.महागौरी के लिए पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य (मिठाई या फल), तिलक, अखंड दीप,सिन्दूर, चदन, कुमकुम, बेल पत्र, पुष्पमाला, सुपारी, नारियल, और फलों की प्रसाद चढ़ाएं।
6.पूजा के अंत में महागौरी की आरती उतारें और भक्ति भाव से उन्हें प्रसन्न करें।

महागौरी को प्रसन्न करने के लिए उन्हें विशेष रूप से निम्नलिखित चीजें चढ़ाई जा सकती हैं:

1.सफेद फूल-महागौरी को सफेद रंग पसंद है, इसलिए सफेद फूलों की माला या फूल चढ़ाएं।
2.नारियल- उन्हें नारियल बहुत पसंद है, इसलिए उन्हें नारियल का अर्घ्य अर्पित करें।
3.जल और दूध-महागौरी को पवित्रता का प्रतीक माना जाता है, इसलिए कमंडलु में जल और दूध चढ़ाएं।
4.मिठाई और फल-उन्हें मिठाई और फलों का प्रसाद बहुत पसंद है, इसलिए पूजा के बाद इन्हें भोग चढ़ाएं।
5.धूप और दीप-महागौरी को सौंदर्य का प्रतिष्ठान है,इसलिए धूप और दीप जलाकर उनका सत्कार करें।
रविन्द्र द्विवेदी ने बताया कि महागौरी की पूजा को भक्ति भाव से करने से मां की कृपा प्राप्त होती है और भक्त के जीवन में शांति, सौभाग्य, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
रविन्द्र द्विवेदी
शिक्षक एवं साहित्यकार चांपा

News36garh Reporter

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