मुख्य ख़बरें

जानिए क्या है आयुर्वेद के अनुसार हर मौसम में स्वस्थ रहने के लिए आहार नियम..

सनातन परंपरा में हमारे ऋषियों ने स्वास्थ्य के हिसाब से बारहों महीनों के लिए भोज्य पदार्थ का नियमन किया है। अब यह धीरे धीरे व्यवहार से जानकारी के आभाव में तोप हो रहा है। हमें  पुनः इस नियम का पालन कर स्वस्थ जीवन जीना चाहिए. तो आइये जानते है भारतीय संस्कृति के अनुसार आहार के कुछ नियम:

चैत्र ( मार्च-अप्रैल)

इस महीने में गुड का सेवन करे क्योकि गुड आपके रक्त संचार और रक्त को शुद्ध करता है एवं कई बीमारियों से भी बचाता है। चैत्र के महीने में नित्य नीम की 4 – 5 कोमल पतियों का उपयोग भी करना चाहिए इससे आप इस महीने के सभी दोषों से बच सकते है। नीम की पतियों को चबाने से शरीर में स्थित दोष शरीर से हटते है।

वैशाख (अप्रैल – मई)

वैशाख महीने में गर्मी की शुरुआत हो जाती है। बेल पत्र का इस्तेमाल इस महीने में अवश्य करना चाहिए जो आपको स्वस्थ रखेगा। वैशाख के महीने में तेल का उपयोग बिल्कुल न करे क्योकि इससे आपका शरीर अस्वस्थ हो सकता है।

ज्येष्ठ (मई-जून)

भारत में इस महीने में सबसे अधिक गर्मी होती है। ज्येष्ठ के महीने में दोपहर में सोना स्वास्थ्य वर्द्धक होता है , ठंडी छाछ , लस्सी, ज्यूस और अधिक से अधिक पानी का सेवन करें। बासी खाना, गरिष्ठ भोजन एवं गर्म चीजो का सेवन न करे। इनके प्रयोग से आपका शरीर रोग ग्रस्त हो सकता है।

अषाढ़ (जून-जुलाई)

आषाढ़ के महीने में आम , पुराने गेंहू, सत्तु , जौ, भात, खीर, ठन्डे पदार्थ , ककड़ी, पलवल, करेला, बथुआ आदि का उपयोग करे व आषाढ़ के महीने में भी गर्म प्रकृति की चीजों का प्रयोग करना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

श्रावण (जूलाई-अगस्त)

श्रावण के महीने में हरड का इस्तेमाल करना चाहिए। श्रावण में हरी सब्जियों का त्याग करे एव दूध का इस्तेमाल भी कम करे। भोजन की मात्रा भी कम ले – पुराने चावल, पुराने गेंहू, खिचड़ी, दही एवं हलके सुपाच्य भोजन को अपनाएं।

भाद्रपद (अगस्त-सितम्बर)

इस महीने में हलके सुपाच्य भोजन का इस्तेमाल कर वर्षा का मौसम् होने के कारण आपकी जठराग्नि भी मंद होती है इसलिए भोजन सुपाच्य ग्रहण करे। इस महीने में चिता औषधि का सेवन करना चाहिए।

आश्विन (सितम्बर-अक्टूबर)

इस महीने में दूध , घी, गुड़ , नारियल, मुन्नका, गोभी आदि का सेवन कर सकते है। ये गरिष्ठ भोजन है लेकिन फिर भी इस महीने में पच जाते है क्योकि इस महीने में हमारी जठराग्नि तेज होती है।

कार्तिक (अक्टूबर-नवम्बर)

कार्तिक महीने में गरम दूध, गुड, घी, शक्कर, मुली आदि का उपयोग करे। ठंडे पेय पदार्थो का प्रयोग छोड़ दे। छाछ, लस्सी, ठंडा दही, ठंडा फ्रूट ज्यूस आदि का सेवन न करे , इनसे आपके स्वास्थ्य को हानि हो सकती है।

अगहन (नवम्बर-दिसम्बर)

इस महीने में ठंडी और अधिक गरम वस्तुओ का प्रयोग न करे।

पौष (दिसम्बर-जनवरी)

इस ऋतू में दूध, खोया एवं खोये से बने पदार्थ, गौंद के लाडू, गुड़, तिल, घी, आलू, आंवला आदि का प्रयोग करे, ये पदार्थ आपके शरीर को स्वास्थ्य देंगे। ठन्डे पदार्थ, पुराना अन्न, मोठ, कटु और रुक्ष भोजन का उपयोग न करे।

माघ (जनवरी-फ़रवरी)

इस महीने में भी आप गरम और गरिष्ठ भोजन का इस्तेमाल कर सकते है। घी, नए अन्न, गौंद के लड्डू आदि का प्रयोग कर सकते है।

फाल्गुन (फरवरी-मार्च)

इस महीने में गुड का उपयोग करे। सुबह के समय योग एवं स्नान का नियम बना ले। चने का उपयोग न करे।

News36garh Reporter

Recent Posts

कुलगाम में 2 दिन से आतंकी मुठभेड़ जारी, 6 आतंकी ढेर, 2 जवान शहीद

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में लगातार दो दिनों से आतंकी और जवानों के बीच मुठभेड़ जारी…

35 mins ago

सूरत में छह मंजिला इमारत ढही, 7 लोगों की मौत, 12 घंटे से बचाव अभियान जारी, मलबे में और लोगों के फसे होने की आशंका

गुजरात के सूरत शहर के पाल इलाके में शनिवार दोपहर छह मंजिला आवासीय इमारत ढह…

1 hour ago

बेबीलोन होटल में लड़की और रेल्वे ट्रैक पर मिला लड़के का शव, गर्ल फ्रेंड बॉय फ्रेंड के हत्या की आशंका

रायपुर में अंबिकापुर के रहने वाले एक लड़का और लड़की के शव अलग अलग स्थानों…

1 hour ago

आपसी सहयोग से स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न योजनाओं को ग्रामीण स्तर पर किया जा रहा है संचालित: मनोज महंत

पाली संवाददाता - मोहन वैष्णव उमरेली:- स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को ग्रामीण स्तर पर…

4 hours ago

उद्योग मंत्री की विशेष पहल पर कोरबा के शासकीय स्कूलों के बच्चों को अब मध्यान्ह भोजन के साथ मिलेगा पौष्टिक नाश्ता भी

0 प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के बच्चों को मिलेगी जल्द बड़ी सुविधा 0 पहले चरण…

5 hours ago

बलरामपुर पहुंचकर एसआईटी टीम ने शुरू की जांच..

संवाददाता विकास कुमार यादव बलरामपुर/बलरामपुर जिला मुख्यालय के नजदीक डूमरखी जंगल में बजरंग दल जिला…

5 hours ago