भारत में डिजिटल पेमेंट फ्रॉड के मामले में बेतहाशा वृद्धि हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक ने एक डेटा जारी किया है, जो डराने वाला है। रिजर्व बैंक के वार्षिक रिपोर्ट की मानें तो वित्त वर्ष 2023-24 में ऑनलाइन पेमेंट फ्रॉड के मामले 5 गुना बढ़े हैं। पिछले वित्त वर्ष में साइबर ठगों ने लोगों से 14.57 बिलियन यानी 1457 करोड़ रुपये की ठगी की है। वहीं, पिछले दिनों आई एक रिपोर्ट में भी भारत में तेजी से बढ़ रहे साइबर फ्रॉड की बात कही गई है।
भारत में 8 साल पहले यानी 2016 में UPI सर्विस की शुरुआत हुई थी। यूनिफाइड पेमेंट सिस्टम के लॉन्च होने के बाद भारत डिटिजल पेमेंट का पावरहाउस बन गया। UPI के जरिए यूजर्स अपने मोबाइल फोन से इंस्टैंटली पैसों की लेन-देन कर सकते हैं। RBI की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो साल में UPI के जरिए होने वाले पेमेंट में 137 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। भारत में UPI के जरिए 200 ट्रिलियन रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
सस्ते इंटरनेट की वजह से भी डिजिटल पेमेंट की संख्यां तेजी से बढ़ी है। डिजिटल पेमेंट की लोकप्रियता की वजह से भारत के करोड़ों यूजर्स साइबर फ्रॉड की निशाने पर रहते हैं। Bloomberg की रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों के बीच वित्तीय समझ के आभाव और टेक्नोलॉजी की इस्तेमाल की सही जानकारी नहीं होना भी साइबर अपराधियों की राह आसान बना रहा है। हालांकि, सरकार और रिजर्व बैंक लोगों को जागरूक बनाने के लिए कई तरह के कैंपेन भी चला रहे हैं, लेकिन साइबर अपराध के मामलों में कमी नहीं आ रही है।
साइबर अपराधी खास तौर पर उन लोगों को टारगेट करते हैं, जिन्हें टेक्नोलॉजी की उतनी जानकारी नहीं होती है। ये लोग साइबर अपराधियों की जाल में आसानी से फंस जाते हैं और ऑनलाइन स्कैम के शिकार हो जाते हैं।
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