गर्मियों के दौरान अधिक चिलचिलाती धूप और अधिक तापमान के कारण लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें डिहाईड्रेशन, लू, वायरल फ्लू, त्वचा, बाल और पेट से जुड़ी समस्याएं सबसे आम हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, अगर आप गर्मियों में रोजाना आंवला मुरब्बा का सेवन करें, तो इससे गर्मियों के दौरान आपको कई समस्याओं से राहत मिल सकती है। साथ ही इसका सेवन सेहत के लिए बहुत लाभकारी भी साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आंवला पोषक तत्वों खजाना है। इसमें सेहत के लिए जरूरी पोषण और कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं। मुरब्बे के रूप में आंवला को डाइट में शामिल करना, इसके स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने का एक बहुत ही सरल और स्वादिष्ट तरीका है। गर्मियों इसका सेवन करने से सेहत को क्या-क्या लाभ मिलते हैं, आइए क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट और डायटीशियन गरिमा गोयल से जानते हैं।
बता दें कि यह जल्दी उबल जाए पानी में उबाल आने पर इसमें गूदे हुए आंवले डाल दें. इसे ढक कर और गैस को मीडियम आंच पर रखकर पकने दें. आंवले उबलने के बाद नरम हो जाए. फिर आंच बंद कर दें, आंवले को बाहर निकाल कर जल्दी से ठंडा करने के लिए रख लें. जैसे ही आंवले ठंडे हो जाएं, दूसरे बर्तन में चीनी की चाशनी को तैयार कर लें. अगर एक किलों आंवला है तो एक किलो पचास ग्राम चीनी की चाशनी में 300 ग्राम पानी मिलाकर उसकी चाशनी बनाएं. चाशनी को गाढ़ा होने तक पका लें.
आंवले का मुरब्बा क्रोमियम, जिंक और कॉपर का भंडार होता है। पोषण की दृष्टि से ये तीनों घटक हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। यही कारण है कि यह आपको दिल की बीमारियों से कोसों दूर रखता है। इसका नियमित सेवन कोलेस्ट्रॉल लेवल को मेंटेन रखता है और ट्राइग्लिसराइड्स लेवल को कम करता है। यह रक्त वाहिकाओं की सूजन को भी ठीक करने में मदद करता है। इसमें मौजूद क्रोमियम खून के कोलेस्ट्रॉल लेवल को मैनेज करता है।
डायटीशियन गरिमा के अनुसार, आंवला स्वाद में खट्टा और कसैला होता है। लेकिन आंवला का मुरब्बा बनाने के मिश्री, चीनी, गुड़ या शहद का प्रयोग किया जाता है। जब आंवला के साथ में कुछ मीठा जोड़ा जाता है, तो इसका शरीर में शीतल प्रभाव पड़ता है। यह शरीर त्रिदोष (वात-पित्त और कफ) को संतुलित रखने में मदद करता है। पित्त प्रकृति वाले लोगों को शांत और ठंडा रखने में यह बहुत मदद करता है। इसके अलावा यह सभी लोगों की में गर्मी की तपिश में ठंडा रहने में मदद करता है।
आंवले का मुरब्बा आयरन से भरपूर होता है। यह हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। महिलाओं में पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग होती है जिससे उनके शरीर में आयरन की कमी हो जाती है। आयरन की इसी कमी को दूर करने के लिए आंवले का मुरब्बा मदद करता है। यह पारियड्स में होने वाली पेट की ऐंठन को भी कम करता है।
आंवले का मुरब्बा पेट को तंदुरुस्त रखने में मदद करता है। यह पाचन क्रिया और लिवर के लिए बेहद उपयोगी है। भोजन के बाद यदि आपको ब्लोटिंग (पेट में बनने वाली एक प्रकार की गैस) की समस्या होती है या पेट में जलन और अपच की शिकायत रहती है तो आप आंवले का मुरब्बा खा सकते हैं। यह आपकी पाचन शक्ति को ठीक करता है।
आंवले का मुरब्बा इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है। आंवले में मौजूद विटामिन सी एक मजबूत एंटी ऑक्सीडेंट के साथ एक एंटीबैक्टीरियल भी है। यह हमें जुकाम, बुखार और ऊपरी श्वास नलिका में होने वाले संक्रमण से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है।
आंवला विटामिन C का खजाना होता है। विटामिन सी हमारी स्किन के लिए बेहद फायदेमंद है। आंवले का मुरब्बा नियमित रूप से खाने से हमारी स्किन ग्लो करने लगती है। यह स्किन को नेचुरल शाइनिंग देता है। स्किन के लिए आंवला एक प्राकृतिक एक्स्फोलीएशन (बाहरी त्वचा का पतला भाग) की तरह कार्य करता है। आंवले का मुरब्बा एंटी-एस्ट्रिंजेंट गुणों के कारण त्वचा को ठंडक देता है। इससे झुर्रियों नहीं आती। इसमें विटामिन C के साथ विटामिन A और विटामिन E भरपूर मात्रा में होता है। विटामिन A कोलेजन पैदा करता है जो स्किन को लोचदार और यंग बनाता है। यह चेहरे से काले धब्बे और मुंहासे के निशान हटाता है।
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