UCC बिल : उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पेश कर दिया गया. यूसीसी विधेयक के लिए बुलाये गये विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह विधेयक पेश किया. यह विधेयक पेश करने के बाद सीएम धामी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक वीडियो भी पोस्ट किया. उन्होंने लिखा- विधानसभा में ऐतिहासिक “समान नागरिक संहिता विधेयक” पेश किया.
मुख्यमंत्री द्वारा विधेयक पेश किये जाने के इस दौरान सत्तापक्ष के विधायकों ने ‘‘भारत माता की जय, वंदे मातरम और जय श्रीराम’’ के नारे भी लगाये. प्रदेश मंत्रिमंडल ने रविवार को यूसीसी मसौदे को स्वीकार करते हुए उसे विधेयक के रूप में सदन के पटल पर रखे जाने की मंजूरी दी थी. उधर, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार की मंशा पर संदेह है. बिल की कॉपी आधी अधूरी मिली है. अब दो बजे इस पर चर्चा भी होनी है. ऐसे में इतनी देर में क्या चर्चा करेंगे और क्या पढ़ेंगे.
उधर, हल्द्वानी में भारी पुलिस, सुरक्षा बल की तैनाती की गई है. यूसीसी को लेकर मुस्लिम बहुल इलाकों में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. बनभूलपुरा, इंदिरा नगर, गांधी नगर, शनि बाजार में पुलिस की तैनाती की गई है. एसपी सिटी, सीओ खुद इलाके में गश्त कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी को लेकर मुख्यमंत्री निवास पर रविवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई थी, जिसमें यूसीसी के मसौदे को मंजूरी दी गई थी. विधानसभा सत्र 5 से 8 फरवरी तक चलने वाला है.
आज सुबह ही सीएम धामी ने बिल को पेश किए जाने से पहले कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के नागरिकों को एक समान अधिकार देने के उद्देश्य से आज विधानसभा में समान नागरिक संहिता का विधेयक पेश किया जाएगा. यह हम सभी प्रदेशवासियों के लिए गर्व का क्षण है कि हम UCC लागू करने की दिशा में आगे बढ़ने वाले देश के पहले राज्य के रूप में जाने जाएंगे. जय हिंद, जय उत्तराखंड.
प्रदेश मंत्रिमंडल ने रविवार को यूसीसी मसौदे को स्वीकार करते हुए उसे विधेयक के रूप में छह फरवरी को सदन के पटल पर रखे जाने को मंजूरी दी थी. चार खंडों में 740 पृष्ठों के इस मसौदे को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को सौंपा था.
वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा जनता से किए गए प्रमुख वादों में यूसीसी पर अधिनियम बनाकर उसे प्रदेश में लागू करना भी शामिल था. वर्ष 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड राज्य में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करने का इतिहास रचने के बाद भाजपा ने मार्च 2022 में सरकार गठन के तत्काल बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दे दी थी.
राज्य विधानसभा में यूसीसी बिल पेश होने पर उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि ”अगर राज्य सरकार समान नागरिक संहिता के नाम पर शासक वर्ग के लिए दूसरे समुदाय की परंपराओं में हस्तक्षेप करने के लिए कानून लाती है, तो क्या वैमनस्य नहीं होगा?”
हर धर्म में शादी, तलाक के लिए एक ही कानून होंगे.
जो कानून हिंदुओं के लिए, वही दूसरों के लिए भी हैं.
बिना तलाक एक से ज्यादा शादी नहीं कर पाएंगे.
मुसलमानों को 4 शादी करने की छूट नहीं रहेगी.
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