कृष्णा दास/कोरबा न्यूज 36 गढ़: –
साइबर फ्रॉड करने वाले हर वक्त कोई ना कोई नया तरीका निकालते रहते हैं. कभी आधार के नाम पर फ्रॉड, तो कभी लोन देने के नाम पर फ्रॉड, तो कभी गिफ्ट के नाम पर फ्रॉड । पिछले 6-7 माह से QLOF नामक ऑन लाइन ट्रेडिंग कंपनी के द्वारा लोगों को पैसा डबल करने का झांसा दिया जा रहा था और लोग आंख बंद कर इस कंपनी पर विश्वास कर रहे थे और बिना सोचे समझे लालच में आकर इस कंपनी में पैसा लगा रहे थे और अपने परिचितों को भी कंपनी में पैसा लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे थे।
कंपनी के जाल में फंसने की ये रही सबसे बड़ी वजह
इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये थी कि जिन लोगों ने पहले पैसा लगाया उन्हें काफी कम समय में भारी भरकम रिटर्न मिला जिसका वे स्वयं साक्षी बने । साथ ही अन्य लोगों को भी ट्रेडिंग कंपनी से जोड़ने पर उन्हें ज्यादा इंटरेस्ट मिलने लगा । इसके चलते निवेशकों ने न केवल अपना पैसा इन्वेस्ट किया बल्कि अपने रिश्तेदारों, मित्रों और परिचितों को भी कंपनी के फायदे की जानकारी देकर उन्हें भी QLOF कंपनी से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया । नतीजा ये हुआ कि इस नेटवर्किंग के जरिए हर गली मोहल्ले से लोग लालच में आकर कंपनी से जुड़ते चले गए । अब हालात ऐसे थे कि कोरबा जिला समेत पूरे देश प्रदेश से लाखों करोड़ों लोग कंपनी में पैसा इन्वेस्ट कर चुके थे।
लालच में डूबे लोगों ने एक पल भी नही सोचा कि..
ये QLOF कंपनी कहां की थी , कौन मालिक है, उनका पैसा कहां लग रहा है , कंपनी उन्हें इतना भारी भरकम रिटर्न के साथ पैसे कैसे वापस कर रही है, इसकी किसी को किसी प्रकार की जानकारी नहीं थी । लेकिन भारी मुनाफे के लालच में लोग निवेश करते चले गए । वैसे सूत्रों से जानकारी मिली है कि इस कंपनी को इंग्लैंड से ऑपरेट किया जा रहा है और फिलहाल इस कंपनी से जुड़े लोगों के बारे में किसी भी तरह की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है ।
शुरुआत में 3000 फिर 6000 और अब केवाईसी की मांग
QLOF ऑन लाइन ट्रेडिंग कंपनी द्वारा शुरुआत में 3 हजार रुपए लोगों से इन्वेस्ट कराया गया जो बाद में बढ़कर 6 हजार तक हो गया था। 6 हजार बड़ी रकम नहीं होने के चलते लोगों ने एक बार कंपनी की विश्वसनीयता परखने के लिए रिस्क लेना चाहा । राशि इन्वेस्ट करने के बाद कंपनी द्वारा निवेशकों के मोबाइल पर सिग्नल भेजा जाता था । जिसके बाद निवेशकों को कॉल के ऑप्शन को प्रेस करना होता था। इस कार्य के लिए निवेशकों को निर्धारित समय दिया जाता था । इसी अवधि में स्विच करने पर उनके ऐप्प के खाते में बढ़ी हुई राशि आ जाती थी । अब कंपनी ने निवेशकों को बड़ा झटका दिया है । अब कंपनी द्वारा निवेशकों को केवाईसी के नाम पर पुनः 6 हजार रुपए जमा करने को कहा जा रहा है । उक्त शुल्क जमा करने के बाद ही उनके द्वारा जमा किए गए संपूर्ण राशि को निकालने के लिए वे सक्षम होंगे अन्यथा उनकी जमा राशि लेप्स हो जाएगी । इसके लिए भी कंपनी ने केवल 30 जून तक का समय दिया है ।
कहीं खुशी कहीं गम
सूत्र बताते हैं कि कंपनी रातों-रात बंद हो गई जिससे निवेशकों में हड़कंप मच गया है । लोगों के करोड़ों रुपए कंपनी में फ्रीज हो चुके हैं । अब उन्हें साइबर ठगी के शिकार होने का एहसास हो रहा है । जिन लोगों को नुकसान हुआ वे सदमे में नजर आ रहे हैं वहीं जिन लोगों ने निवेश की गई राशि से कई गुना ज्यादा रिटर्न निकलवा चुके थे उनके चेहरे पर खुशी नजर आ रही है और वे राहत की सांस ले रहे हैं ।
क्या कहते हैं जानकर ?
समाज के प्रबुद्ध एवं जानकर लोगों का कहना है कि कोई भी कंपनी अल्पसमय में पैसे डबल कर कर नहीं दे सकती, पुलिस प्रशासन द्वारा साइबर क्राइम के प्रति लोगों को हर संभव जागरूक किया जा रहा है परंतु फिर भी लोग लालच में आकर कम समय में ज्यादा पैसा कमाने के उद्देश्य से ऐसी ठगी का शिकार होते हैं.
कंपनी द्वारा केवाईसी के नाम पर जो ₹6000 जमा करने की मांग की जा रही है यह ठगी का नया पैंतरा हो सकता है, इसलिए केवाईसी करवाने में अब बड़ा रिस्क है। लोगों को इससे बचने की जरूरत है ।
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