-नए कानून की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने सभी की सहभागिता जरूरी समाज के सभी वर्गो तक नए कानून की जानकारी पहुंचाने में सहयोग करने की गई अपील।
युसूफ खान/बलरामपुर –
1 जुलाई 2024 से देशभर में 3 नए आपराधिक कानून लागू हो चुके है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बलरामपुर डॉक्टर लाल उमेद सिंह द्वारा तीनो नए कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन, विभिन्न पहलुओं से मीडिया को अवगत कराने एवं जन-जन तक नए कानूनों की जानकारी पहुंचाने के लिए व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार हेतु निर्देशित किया गया है। इसी कड़ी में वरिष्ठ कार्यालय से प्राप्त दिशा निर्देश के परिपालन में आज दिन गुरूवार, 11 जुलाई 2024 को पत्रकारों को नए कानून के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए इस विषय पर चर्चा भी की गई।
इस दौरान उप पुलिस अधीक्षक अजाक श्री जितेंद्र खूंटे ने कहा कि 1 जुलाई से नवीन तीनों कानून के तहत कार्य किए जा रहे है, पुराने कानून की जगह अब नए कानून लागू हो चुका है उसकी जानकारी समस्त लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी हम सभी की है इसमें प्रमुख रूप से मीडिया की अहम भूमिका जुड़ी हुई है, आज अधिक संख्या में लोग सोशल मीडिया, समाचार पत्रों को पढ़कर जागरूक हो रहे है इसकी गति को और तेज करने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी को इस दिशा में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने नए कानून के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि नए कानूनों में ऐसे बहुत से प्रावधान हैं, जो पुलिस को पहले से ज्यादा ताकतवर बनाते हैं।
पुलिस का प्रमुख काम अपराध होने से पहले ही रोकना और कानून व्यवस्था बनाए रखना है। बीएनएसएस के चैप्टर 13 के सेक्शन 173 में प्रावधान है कि पुलिस अधिकारी को मामले की शिकायत मिलने पर प्रथम सूचना पत्र लिखने से पहले अपने सीनियर पुलिस ऑफिसर से अनुमति कार्यवाही करनी होगी। प्रत्येक दिवस पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों की जानकारी सभी थाना-चौकी व पुलिस कंट्रोल रूम के नोटिस बोर्ड में चश्पा किए जाने के बारे में बताया। उन्होंने नवीन तीनों कानून के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराते हुए कहा कि समाज के सभी वर्गो तक नए कानून की जानकारी पहुंचाने में सहयोग करें। उन्होंने बताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत जांच के दौरान पुलिस किसी भी आरोपी को उसके डिजिटल डिवाइस दिखाने और उन्हें सौंपने के लिए बाध्य कर सकती है।
नए कानूनों में इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल डिवाइस यानी मोबाइल, स्मार्टफोन, लैपटॉप आदि को सबूत के तौर पर परिभाषित किया गया है। बीएनएसएस के सेक्शन 94 के मुताबिक, किसी मामले की जांच, पूछताछ या ट्रायल के दौरान अदालत या थाना प्रभारी किसी व्यक्ति से डॉक्यूमेंट्स, कम्युनिकेशन डिवाइस, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस या डिजिटल डिवाइस पेश करने के लिए समन या आदेश जारी कर सकता है। पुलिस को किसी मामले की जांच करने का अधिकार प्राप्त है। पुलिस मामले से जुड़े सबूतों, बयानों और वस्तुओं को भी इकट्ठा कर सकती है। साथ ही न्यायालय पुलिस को मामले की जांच करने के लिए आदेशित कर सकती हैं। बीएनएसएस में इसका जिक्र चैप्टर 13 के सेक्शन 173 से लेकर 196 तक है। बीएनएसएस के सेक्शन 43(3) के तहत पुलिस अधिकारी अपराध की प्रकृति और गंभीरता को ध्यान में रखते हुए किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करते समय या ऐसे व्यक्ति को अदालत में पेश करते समय हथकड़ी का इस्तेमाल कर सकता है।
इस दौरान उप पुलिस अधीक्षक अजाक श्री जितेंद्र खूंटे, थाना प्रभारी बलरामपुर श्री प्रमोद रूसिया, पुलिस अधीक्षक कार्यालय से रीडर, स्टेनो,रिकॉर्ड शाखा प्रभारी सहित जिले के पत्रकारगण मौजूद रहे।
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