जनपद पंचायत पाली अंतर्गत दूरस्थ एवं वनांचल क्षेत्र में बसा ग्राम पंचायत कोडार के ग्रेजुएट सरपंच ने अपने 4 पंचवर्षीय के कार्यकाल में करोड़ो के विकास कार्य को धरातल पर सार्थक कर गांव की तस्वीर ही बदल दी और आज इस गांव के ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं से परिपूर्ण व शासन की योजनाओं से लाभान्वित हो रहे है तथा अपने सरपंच कमल की प्रशंसा करते नहीं थक रहे हैं। सरपंच ने दलगत की नीति से परे रहकर ग्राम के सभी वर्गों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाते हुए गांव के विकास को अहमियत देते हुए सभी कार्यों को मूर्त रूप दिया जिसकी जितनी भी तारीफ की जाए उतनी कम है…..ऐसा ग्रामीण कहते हैं।
पाली जनपद मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर बसा ग्राम पंचायत कोडार 6 मजरों की ग्राम पंचायत है और मजरे मुख्य ग्राम पंचायत से 5 से 7 किमी. की दूरी पर बसे है। इस पंचायत की जनसंख्या 1828 व मतदाता संख्या 1200 है। जहां छत्तीसगढ़ राज्य गठन के 4 साल बाद भी यह पंचायत विकास को नजरे ताक रहा था। ग्रामीणों का कहना है कि आज से 20 साल पहले गांव से लेकर मजरो तक की उबड़- खाबड़ भरे कच्चे भरे दुर्गम सड़के, जिसकी वजह से ग्रामीणों को एक दूसरे मजरे में जाने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती थी। गांव विद्युत विहीन होने से शांझ ढलते ही लोगों का घरों में दुबक जाना। सोसायटी से राशन उठाने लंबी दूरी का रास्ता पैदल तय करना। पेयजल के लिए ढोढ़ी और कुंए के पानी पर निर्भर रहना जिससे बरसात के दिनों में जलजनित बीमारियों का प्रकोप। तब गांव का कोई विकास ही नही था। ऐसे में यहां के निवासियों को तलाश थी एक ऐसे युवा और शिक्षित ग्राम प्रधान की जो इन तमाम परेशानी से उन्हें निजात दिला ग्राम में बदलाव ला सके। तब ग्रामीणों का ध्यान गांव के ग्रेजुएशन कर शिक्षाकर्मी वर्ग 2 की नौकरी के लिए चयनित 23 वर्षीय कमल सिंह राज की ओर गया और ग्रामीणों ने कमल के कंधे पर ग्राम की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया। ग्रामीणों के इस फैसले से कमल राज भी पेशोपेश में था और अंततः इन्होंने नौकरी न कर ग्रामीणों की सेवा करने की ठानी और जैसे ही सरपंच निर्वाचित होकर युवा प्रधान कमल के कंधे पर जिम्मेदारी आई सरकार के द्वारा संचालित योजनाओं पर काम किया गया और सर्वप्रथम मजरे- टोले में पक्के सडक निर्माण का काम शुरू करा कर गांव वालों को वो करके दिखाया जो ग्रामीणों के लिए एक सपना था और जनता की समस्याओं को निस्तारण किया। अपने युवा सरपंच के कार्यो को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच कमल ने अपने पहले के दो पंचवर्षीय पंचायती कार्यकाल में ही ग्राम का कायापलट कर दिया और बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं से कोडार को परिपूर्ण कर तथा अपने दायित्वों का गंभीरता से निर्वहन करते हुए अब तक के अपने कार्यकाल में ग्राम विकास का इतिहास रचा। अब गांव के किसी भी समस्या का निस्तारण पंचायत भवन से ही कर दिया जाता है। वहीं सरपंच कमल सिंह राज ने अपने बीते सरपंची के बारे में बताया कि जब हम वोट मांगने जाते थे तो एक मजरे से दुसरे मजरे जाने में घण्टे भर लग जाता था तब सायकल से गांव के अंदर जाना दूभर था। सन 2004 में प्रथम बार सरपंच चुनाव जीतने के बाद मैंने मजरों की खराब गलियों का दंश जो ग्रामीण झेल रहे थे, उससे निजात दिलाया। गांव की विकराल समस्या पेयजल के लिए समुचित इंतजाम किया। तब से लेकर आज पर्यन्त शुद्ध पेयजल ग्रामीणों के घरों तक पहुँच रहा है। ग्रामीणों को सोसायटी से राशन लेने के लिए ग्राम कोडार से 8 तो इसके मजरे हरदीकछार, परसापानी व जमनीपानी से लगभग 14 किमी. का कच्चा मार्ग पैदल तय कर बतरा जाना पड़ता था। इस समस्या से निजात दिला ग्राम में ही शासकीय राशन दुकान का संचालन प्रारंभ कराया। गांव में बिजली लाने के लिए शासन- प्रशासन तक फरियाद लगाई तब अँधेरे में डूबे गांव को रोशनी मिली। सरपंच कमल ने आगे बताया कि गांव के विकास को लगातार फोकस किया जा रहा है। जहां बीते 3 पंचवर्षीय कार्यकाल में करोड़ो के विकास कार्य कराए गए तो वहीं वर्तमान कार्यकाल के साढ़े चार साल में तीन स्थानों पर 9 लाख के पचरी निर्माण, 3 लाख से एक सामुदायिक शौचालय, एक कचरा शेड 3 लाख, रिटर्निग वाल तीन स्थानों पर 40 लाख, सोख्ता पिट 25 स्थानों पर 2 लाख, 17 परिवार के घरों में व्यक्तिगत शौचालय 1.80 लाख, ग्राम के जरूरत वाले 7 स्थानों पर सीसी रोड 95.50 लाख, पहुँचमार्ग पर एक पुलिया निर्माण 20 लाख, 5 स्थानो पर नाली 30 लाख, ठाकुर मुड़ा तालाब में अमृत सरोवर 19 लाख, 3 स्थानों पर पेयजल व्यवस्था 4 लाख वहीं मनरेगा के तहत डबरी निर्माण 3.50 लाख, कुंआ 1.85, नदी नालों के मिट्टी कटाव रोकने 18 स्थानों पर कन्टूर बंड निर्माण, 18 कृषकों की भूमि का समतलीकरण, 5 तालाब गहरीकरण का काम कराया गया है तथा अन्य विकास/निर्माण के कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा 132 गरीब परिवार को पीएम आवास का लाभ दिलाया गया है। गांव में 180 पेंशनधारी और 450 राशनकार्ड धारी हितग्राही है जो शासन की संचालित योजना का लाभ ले रहे है। युवा सरपंच का कहना है कि ग्राम के बड़े, बुजुर्गों के आशीर्वाद और छोटों के स्नेह तथा उप सरपंच, पंचो व सचिव के सहयोग से ग्राम के विकास गति को आगे बढ़ाते हुए कोडार को मॉडल पंचायत का दर्जा दिलाने भरसक प्रयास किया जा रहा है।
कोरबा संवाददाता – कृष्णा दास
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