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बढ़ रहे है भाई-बहनों के बीच के झगड़े, तो पेरेंट्स इस तरह से करे नियंत्रित…

कई बार माता-पिता भी सिबलिंग्स राइवलरी के लिए जिम्मेदार होते हैं. घर में चार बच्चे हैं तो कुछ पेरेंट्स कुछ ना कुछ अनजाने में ऐसा कर देते हैं, जिससे बच्चों को एक-दूसरे से जलन, ईर्ष्या, गुस्सा, हीन भावना मन में घर कर जाती है. कई बार ये लड़ाई-झगड़े इतने बढ़ जाते हैं कि बच्चों के बीच कॉम्पटीशन की भावना विकसित होने लगती है. चिंता, एंजायटी, डिप्रेशन भी हो सकता है. जानते हैं भाई-बहनों के बीच की प्रतिद्वंद्विता का कारण क्या होता है.

But it’s my turn

बच्चों के सामने रहें सकारात्मक

बच्चे वही काम करते हैं जो उनके माता-पिता उनके सामने करते हैं। ऐसे में माता-पिता जितना बच्चों के सामने सकारात्मक रहेंगे बच्चे भी उतना सकारात्मक रहने की कोशिश करेंगे। अगर आप अपने बच्चों के सामने लड़ेंगे तो बच्चों के व्यवहार में भी आक्रामकता आएगी। ऐसे में बच्चों के स्वभाव को जितना हो सके उतना सकारात्मक बनाएं और उससे पहले अपने व्यवहार में सकारात्मक लाएं।

बच्चों को दें समय

बच्चों को समान समय देना भी जरूरी है। अगर आप बच्चों के साथ समान समय नहीं दे पा रहे हैं या आप किसी काम में व्यस्त हैं तो आप उन्हें समझाएं। साथ ही अपनी परिस्थिति के बारे में बताएं। इससे अलग ऐसी जीवन दिनचर्या निर्धारित करें, जिससे आप थोड़ा समय अपने बच्चों को भी देता है।

बच्चों को सिखाएं कैसे समझें दूसरों की बातें

अकसर बच्चों की आदत होती है कि वह दूसरों की बात ना सुनकर केवल अपनी ही बात कहे चले जाते हैं। ऐसे में माता पिता का फर्ज है की वे अपने बच्चों को सिखाएं कि दूसरों की बात को सुनना भी जरूरी है। हो सकता है कि वह गलतफहमी के कारण बेवजह किसी बात पर लड़ रहे हैं ऐसे में दूसरों की बातों को सुनना जरूरी है।

बीच-बचाव करना गलत

अपने बच्चों का बीच-बचाव करना कभी-कभी तो अच्छा लगता है लेकिन हर बार सही नहीं है। ऐसे में बच्चे ना केवल आपके ऊपर निर्भर हो जाएंगे बल्कि वे हर बार लड़ाई होने पर आप को ही बुलाएंगे। ऐसा करने से बच्चों का आत्मविश्वास भी कम होता है।  इससे अलग यदि लड़ाई भाई-बहन में हुई है और अगर आपने कि सामने वाले का पक्ष लिया ऐसा करने से बच्चों के मन में ईर्ष्या की भावना पैदा हो जाती है इसलिए ऐसा ना करें।

प्यार और अपनेपन से लें काम

बच्चों के नकारात्मक व्यवहार के पीछे कभी-कभी माता पिता का हाथ हो सकता है। बच्चे को यह साफ ना होने दें कि आप उसमें और उसके भाई बहनों के बीच में भेदभाव कर रहे हैं। इसके अलावा बच्चों में अपनेपन की भावना को पैदा करने की जिम्मेदारी भी माता-पिता की ही है। इसकी कमी से बच्चे झगड़ालू और लड़ाकू बन सकते हैं।

News36garh Reporter

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