केरल के पहाड़ी जिले वायनाड में भारी बारिश ने तबाही मचाई है। वायनाड में भूस्खलन (Landslides) की कई घटनाएं सामने आई हैं। इस प्राकृतिक हादसे में अब तक 300 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। सैकड़ों लोग अब भी लापता है। भूस्खलन के मलबे में दबे शवों या संभावित जीवित लोगों को निकालने का काम अब भी किया जा रहा है। बचाव दल उन्नत तकनीकी उपकरण रडार और डॉग स्क्वायड टीम का इस्तेमाल कर रहे हैं।
वायनाड भूस्खलन हादसे के बाद व्यवसायी, मशहूर हस्तियां और संस्थाएं मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में लाखों-करोड़ों रुपये दान देने में जुटी हैं। इस बीच, पीड़ितों की मदद के लिए चाय की दुकान चलाने वाली एक बुजुर्ग महिला भी आगे आई है। कोल्लम जिले के पल्लीथोट्टम की रहने वाली सुबैदा अपना और अपने पति का पेट पालने के लिए एक छोटी सी चाय की दुकान चलाती हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष (CMDRF) को 10 हजार रुपये दान किए हैं।
सेना द्वारा 190 फुट लंबे ‘बेली ब्रिज’ का निर्माण पूरा होने के बाद खोज अभियान में तेजी आने के बीच बचाव दलों ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के मोबाइल फोन से प्राप्त अंतिम लोकेशन समेत जीपीएस निर्देशांकों और ड्रोन चित्रों का इस्तेमाल करके मलबे में फंसे लोगों की तलाश की।
वायनाड के भूस्खलन प्रभावित गांव में रडार प्रणाली के साथ खोज अभियान चला रहे बचावकर्मियों को किसी आदमी या पशु द्वारा सांस लेने का संकेत मिला है। अभियान में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि बुरी तरह प्रभावित मुंडक्कई गांव में एक घर की तलाशी के दौरान रडार पर नीला सिग्नल प्राप्त हुआ। इसके बाद उस जगह पर बचाव अभियान चलाया गया। हालांकि, बचाव टीम को वहां पर कुछ भी नहीं मिला।
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