चर्चा में

पोटाकेबिन संस्थानो की बुरी हालत, शर्मसार करने वाली व्यवस्था सामने आया, शिक्षा व्यवस्था फेल – AISF

सुकमा संवाददाता – पोदियामी दीपक

 

कलेक्टर व शिक्षा अधिकारी को दिये आवेदन, त्वरित निराकरण करने कि चेतावनी ,नही तो होगा कक्षा बहिष्कार आंदोलन।

ऑल इडिया स्टूडेंट फेडरेशन (AISF) प्रदेश अध्यक्ष व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेश कुंजाम, जिला अध्यक्ष जितेश सोड़ी सहित 10 सदस्यीय टीम शैक्षणिक संस्थानों में दौरा किया गया। इस दौरान लगभग सभी संस्थाओं में अव्यवस्था पाया गया। इन समस्याओं से छात्र परेशान है, पोटाकेबिन, आश्रम कोर्रा(मुनगा) में विगत वर्षों से अध्ययन कक्षाएं जर्जर व क्षतिग्रस्त है, पानी से भर जाते है कक्षाएं , आदिवासी छात्रों के लिए करोड़ो राशि आता है, फिर भी आदिवासी छात्रों के लिए सुविधायुक्त संस्थानो का नसीब नही है, छात्र अपनी भविष्य तय करने इन स्कूल संस्थानों मे आते है, दुसरी ओर सरकारी शैक्षणिक संस्थानों की बुरी हालतो से जूझ रहे है, आदिवासी बच्चे अपनी भविष्य बनाने के वजाय मौत का इन्तज़ार कर रहे है इसका जिम्मेदार कौनहै? ये कैसी व्यवस्थाएं है? सुकमा मुख्यालय से मात्र 10 -15 किलोमीटर दूर स्थित शैक्षणिक संस्थान का बदहाल अवस्था मे है।
इधर कोंटा पोटाकेबिना आश्रम में अब तक शौचालय का मरम्मत ही नहीं हुआ है। वहां के बच्चे को टॉयलेट करने के लिए जंगल झाड़ियां में जाना पड़ता है, इस कारण छात्र परेशान हो रहे है, यह गंभीर समस्या है। शिक्षा विभाग लिफापोती कार्यो से बच्चो का जान खतरे मे है।

कोर्रा (मुनगा) पोटाकेबिन के छात्र बैठकर अध्ययन करने की कक्षाएं विगत दो वर्षों से पूरी तरह टूट कर क्षतिग्रस्त हुआ है। ऊपर की सीट टूट जाने से पानी सीधा कक्षाओं के अंदर गिरता है बच्चों को वहीं बैठकर पढ़ाई करते है , छात्र अपनी जान को खतरे मे रखकर पढ़ाई करने मजबूर है यह कि छत कभी भी टूट कर छात्रों के ऊपर गिर सकता है। लेकिन जिला प्रशासन इस पर कोई गंभीरता नही दिखाई जा रही है, छात्रो की मौत का इन्तज़ार कर रहा है। इससे कभी भी बड़ी घटना दुर्घटना होने की संभावना बनी हुई है, बारिश के समय पानी गिरते समय भी छात्र को इन कक्षाओ में बच्चों को बिठाकर पढ़ाने में मजबूर है। जब हमारी टीम अचानक पहुंचकर देखा तो बच्चे क्षतिग्रस्त कक्षा में बैठकर भिंग भिंग कर पढ़ रहे थे। कमरों में पानी भरा हुआ था। इस सम्बन्ध में पहले भी इसका शिकायत किया गया लेकिन इस पर विभाग गंभीर नहीं है। भताया गया कि विगत मे कलेक्टर भी देखकर गये तब भी हालत जस का तस है। शिक्षा विभाग कलेक्टर का भी नही सुनी।

कोन्टा पोटाकेबिन आश्रम में शौचालय पूरी तरह खराब हुआ है ,एक भी शौचालय सही उपयोग नहीं हो रहा है। गंदगी अवस्था में है ,सफाई नहीं है, मात्र एक टॉयलेट उपयोग किया जाता है। यह पर 600 छात्र एक टॉयलेट के भरोसे चल रहा है, छात्रों को लाईन लगाना पड़ता है। इससे छात्र परेशानियां हो रहे है। पानी की व्यवस्था भी नहीं है, हमने जब अधीक्षक से पूछा तो सब ठीक है बताया गया। हमने हकीकत देखने गए तो पूरा शौचालय खराब स्थिति में पड़ा मिला उपयोग ही नहीं हो रहा है। गंदगी से भरा पड़ा है, जब छात्रों को हमने पूछा तो छात्रों ने बताया कि सुबह शाम खेत ,जंगल जाकर टॉयलेट करना पड़ता है। छात्रों ने बताया गया की रात के समय काफी परेशानियां होती है। इससे यह लगता है, की छोटे छोटे बच्चो का हालत कैसे गुजरता होगा जिम्मेदार कौन है? प्रशासन कि निष्क्रियता के कारण कभी भी छात्र के साथ बड़ी दुर्घटना हो सकती है। इसलिए तत्काल संज्ञान में लिया जाना चाहिए।

यह कि सभी छात्रावास आश्रम, पोटाकेबिनों में मीनू चार्ट के आधार पर नहीं दिया जाता है, सूचना पटल मे मीनू चार्ट चस्पा किया जाए। यह कि प्रति छात्र का शिष्यवृत्ति/ भोजन सहायक राशि प्रतिमाह कितना मिलता है, सार्वजनिक सूचना पटल पर दर्शाया जाए ताकि सभी छात्र अपनी शिष्यवृत्ति के बारे में जानकारी रहे।

यह कि सभी छात्रावास, आश्रम, पोटाकेबिन भवन जर्जर है, शौचालय खराब हालत मे है, खाट, गद्दा, चादर ,कंबल, मच्छरदानी नहीं मिला है, कई छात्र बिना गद्दा के सोते हैं, अधिकांश फटा पुराना गद्दा पड़ा है, जो उपयोग लायक नहीं है।

यह कि जितने भी छात्रावास, आश्रम, पोटाकेबिन का मरम्मत हुआ है जस का तस जर्जर अवस्था बनी हुई है, पानी अभी भी टपकता है, बच्चों को बाल्टी ,डब्बा रखकर, छतरी होड़कर सोते है, हमारी मांग है कि जितने भी भवनो की मरम्मत हुआ है, विभागीय अधिकारियों की टीम अवलोकन कार्य को सुधार कर कार्यवाही करने की बात की और ठेकेदार के व्दारा किये गये गुणवत्ताहीन कार्यों के खिलाफ ठेकेदार पर उचित कार्यवाही किया जाये ।

यह कि आरएमएसए बालक छात्रावास कोर्रा में बनकर तैयार हुआ है, वर्तमान में शाला वही संचालित हो रहा है, अध्यनरत छात्र पोटाकेबिन मुनगा से आना-जाना कर रहे हैं, इन छात्रों को नवीन भवन कोर्रा में शिफ्ट किया जाय ,छात्र रोज 2 किलोमीटर से आना-जाना करते हैं समय पर स्कूल पहुंच नहीं पाते हैं, बारिश के समय काफी परेशानी हो रही है, दिन भर गाड़ियां से व्यस्त रोड में आना-जाना करते हैं यह रोड पर चलते वक्त छात्रों को कभी भी दुर्घटना हो सकता है। इसलिए तत्काल शिफ्ट किया जावे। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के व्दारा उक्त समस्याओ को जिला प्रशासन के समक्ष अवगत कराया है अगर 10 दिन के भीतर त्वरित कार्रवाई नही हुआ तो छात्र संगठन आंदोलन के लिए बाध्य होगा इसका जिम्मेदार प्रशासन की होगी।

महेश कुंजाम
प्रदेश अध्यक्ष व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष AISF छत्तीसगढ राज्य जिला सुकमा (छ.ग.)

News36garh Reporter

Recent Posts

13 दिसंबर 2024, शुक्रवार – कर्क राशी के जातक ना पड़े किसी विवाद में, पढ़िए अपना दैनिक राशिफल और पंचांग

आज का पंचांग  तिथि त्रयोदशी 19:40 तक नक्षत्र भरणी 07:49 तक प्रथम करण कौवाला 09:03…

2 hours ago

धान खरीदी बंदकर 12 से हड़ताल पर चले जाएंगे कंप्यूटर ऑपरेटर

रतनपुर संवाददाता - विमल सोनी पूरी तरह से धान खरीदी अभी प्रभावित होने लगी धान…

2 hours ago

आरंग क्रिकेट क्लब के पोषण ध्रुव का चयन ASL के लिए हुआ

आरंग संवाददाता - सोमन कुमार साहू आरंग क्रिकेट क्लब के खिलाड़ी पोषण ध्रुव का चयन…

2 hours ago

अवैध धान परिवहन करते हुए ग्रामीणों के द्वारा 60 बोरी धान गाड़ी सहित पकड़ा गया। ( सुबह तक धान भूसा बन गया)

लखनपुर संवाददाता – विकास अग्रवाल लखनपुर-थाना क्षेत्र के ग्राम चोडेया में ग्रामीणों के द्वारा अवैध…

2 hours ago

मुख्यमंत्री ने पीएम आवास के हितग्राहियों को दी चाबी विभागो के स्टालों का अवलोकन कर सामग्री का किया वितरण

सामूहिक विवाह सम्मेलन में शामिल होकर नव दंपत्तियों को दिया आशीर्वाद मुख्यमंत्री ने किसानों को…

2 hours ago