माइग्रेन आज युवाओं में बढ़ती एक आम समस्या है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में माइग्रेन ने लगभग तीन चौथाई लोगों को जकड़ रखा है। इसमें सबसे ज्यादा युवा वर्ग प्रभावित है। सामान्य सिरदर्द के मुकाबले माइग्रेन से होने वाला सिरदर्द असहनीय होता है। हालांकि, असहनीय सिरदर्द सिर्फ माइग्रेन में ही नहीं, बल्कि ट्यूमर, मेनिनजाइटिस आदि बीमारियों में भी हो सकती है। इससे पहले देर हो, डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। माइग्रेन का दर्द काफी बेचैनी पैदा कर सकता है। इस गंभीर सिरदर्द को चिकित्सकीय उपचार के साथ खाद्य पदार्थों के सेवन से भी कम कर सकते हैं।
कई तरह के सिरदर्द, खास तौर पर माइग्रेन में सूजन एक अहम कारक है। जब शरीर में लगातार सूजन होती है, तो यह सिरदर्द को ट्रिगर कर सकता है या उसे और भी तीव्र बना सकता है। उच्च फाइबर वाले आहार गट में मौजूद लाभकारी बैक्टीरिया को पोषण देकर सूजन को कम करने में मदद करते है। बदले में, ये बैक्टीरिया सूजनरोधी यौगिक बनाते हैं जो शरीर में सूजन के समग्र स्तर को कम करने में मदद करते हैं।
शरीर लगातार पर्यावरण, भोजन और यहां तक कि आंतरिक चयापचय प्रक्रियाओं से विषाक्त पदार्थों के संपर्क में रहता है। डिटॉक्सिफिकेशन में लीवर और किडनी प्राथमिक भूमिका निभाते हैं, लेकिन गट मल त्याग के माध्यम से खराब उत्पादों को खत्म करके भी मदद देती है। कम फाइबर वाला आहार कब्ज का कारण बन सकता है, जो इस निष्कासन प्रक्रिया को धीमा कर देता है और विषाक्त पदार्थों को रक्तप्रवाह में फिर से अवशोषित होने देता है। ये विषाक्त पदार्थ सूजन में योगदान कर सकते हैं और सिरदर्द की संभावना को बढ़ा सकते हैं।
हार्मोनल उतार-चढ़ाव सिरदर्द के लिए एक और ट्रिगर है, खासकर महिलाओं में। उदाहरण के लिए, एस्ट्रोजन का स्तर माइग्रेन को प्रभावित कर सकता है। फाइबर पाचन तंत्र के माध्यम से अतिरिक्त हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाकर हार्मोन के स्तर को रेगुलेट करने में मदद कर सकता है। जब फाइबर गट में एस्ट्रोजन से बंधता है, तो यह हार्मोन को ब्लड फ्लो में फिर से अवशोषित होने से रोकता है, जिससे एक स्वस्थ हार्मोनल संतुलन बनाए रखता है और हार्मोन से संबंधित सिरदर्द के जोखिम को कम करता है।
चिया सीड्स फाइबर से भरपूर होते हैं और इन्हें आसानी से स्मूदी, दही या ओटमील में मिलाया जा सकता है। ये ओमेगा-3 फैटी एसिड और प्रोटीन भी प्रदान करते हैं।
दाल में न केवल फाइबर की मात्रा अधिक होती है, बल्कि ये पौधे-आधारित प्रोटीन और आयरन और फोलेट जैसे आवश्यक खनिजों का भी एक बेहतरीन स्रोत हैं।
क्विनोआ एक उच्च फाइबर वाला अनाज है जो एक प्रोटीन का एक बेहतर स्रोत है, जिसमें सभी नौ आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं। इसे चावल की जगह इस्तेमाल किया जा सकता है या सलाद में मिलाया जा सकता है।
एवोकाडो में हेल्दी फैट, फाइबर और विभिन्न विटामिन की मात्रा अधिक होती है, जो इसे सलाद, टोस्ट या स्मूदी में शामिल करने के लिए एक अच्छा विकल्प बनाता है।
रसभरी में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और फाइबर भरपूर मात्रा में होते हैं। इसे आप दही या आपके किसी मनपसंद नाश्ते में एक टॉपिंग के रूप में लिया जा सकता है।
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