कोलकाता रेप-मर्डर केस के मुख्य आरोपी संजय रॉय का 25 अगस्त को पॉलीग्राफ टेस्ट किया गया l 3 घंटे चले पॉलीग्राफ टेस्ट में आरोपी ने ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर से पहले और बाद की पूरी वारदात का कच्चाचिटठा खोल कर रख दिया l ट्रेनी डॉक्टर के साथ दरिंदगी से पहले भी उसने एक लड़की के साथ छेड़खानी की, रेड लाइट एरिया में गया फिर भी जब उसे शांति नहीं मिली तो उसने मोमिता देबनाथ को अपनी हैवानियत का शिकार बनाया l
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, संजय ने एक दिन पहले 25 अगस्त को पॉलीग्राफ टेस्ट में ये सारी बातें कही हैं। पुलिस कस्टडी में भी संजय ने रेप और मर्डर की बात स्वीकार की थी। संजय का यह कबूलनामा मर्डर और रेप के 18 दिन बाद आया है। 8 और 9 अगस्त की रात आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर का रेप और मर्डर हुआ था। 9 अगस्त की सुबह मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में लड़की की अर्धनग्न बॉडी मिली थी।
जानिए क्या कबूला संजय ने पॉलीग्राफ टेस्ट में –
1. CBI और सेंट्रल फोरेंसिक टीम के मेंबर्स ने रविवार (25 अगस्त) को 3 घंटे संजय का पॉलिग्राफ टेस्ट किया। संजय ने कबूला कि उसी ने ट्रेनी डॉक्टर का रेप करने के बाद हत्या की थी।
2. संजय ने पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान CBI को बताया कि उसने 8 अगस्त को अपने एक दोस्त के साथ शराब पी थी। इसके बाद वह रेड लाइट एरिया गया। रास्ते में उसने एक लड़की को मॉलेस्ट किया। इसके बाद संजय ने देर रात अपनी गर्लफ्रेंड से वीडियो कॉल पर बात की न्यूड तस्वीरें मांगीं।
3. संजय ने बताया कि सुबह करीब 4 बजे संजय हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल पहुंचा, जहां ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर के बाद वह सुबह अपने दोस्त के घर गया। उसका दोस्त कोलकाता पुलिस में ऑफिसर था।
थक गया हूँ सोना चाहता हूँ –
इतने घिनौने अपराध को अंजाम देने वाले संजय राय को लगातार हो रही पूछताछ से थकान हो रही है, और वह जेल प्रशासन से सोने की इजाज़त मांग रहा है l मुख्य आरोपी संजय रॉय को प्रेसीडेंसी करेक्शनल होम के VIP वार्ड में न्यायिक हिरासत में रखा गया है। यहीं पर बंगाल के पूर्व मंत्रियों पार्थ चटर्जी और ज्योतिप्रिया मलिक सहित अन्य चर्चित कैदी भी बंद हैं। हालांकि, संजय को उसने दूर रखा गया है।
संजय ने जेल प्रशासन से सोने की इजाजत मांगी थी। उसने कहा कि पिछले दो सप्ताह से कोलकाता पुलिस और CBI की लगातार पूछताछ के बाद वह थक गया हूं। शुरुआती दिनों में देर रात तक पूछताछ चलती थी। इसलिए सोना चाहता हूं।
न कोई घबराहट नहीं थी और न ही कोई पछतावा –
संजय को घटना के अगले ही दिन गिरफ्तार कर लिया गया था। संजय मेडिकल कॉलेज में ही सिविक वॉलंटियर था। पुलिस के बाद 14 अगस्त को ये केस CBI को हैंडओवर कर दिया गया था। इसके बाद उसे सियालदह कोर्ट में पेश किया गया। 23 अगस्त को अदालत ने संजय सहित 7 लोगों के पॉलीग्राफ टेस्ट की इजाजत दी थी। मजिस्ट्रेट के सामने रोते हुए उसने कहा- मैंने कोई क्राइम नहीं किया है। मुझे फंसाया जा रहा है। शायद पॉलीग्राफ टेस्ट से मेरी बेगुनाही साबित हो जाए।
CBI ने अदालत में दावा किया था कि गिरफ्तारी के बाद संजय ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उसमें न कोई घबराहट नहीं थी और न ही कोई पछतावा। उसने बिना हिचकिचाहट के पूरी घटना बताई।
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