मीठा खाने की क्रेविंग ज्यादातर लोगों को परेशान करती है। मीठा से मतलब है कि चीनी और उससे बने फूड्स। चीनी का ज्यादा सेवन ना सिर्फ मोटापा का कारण बनता है बल्कि डायबिटीज जैसी क्रोनिक बीमारी को भी जन्म देता है। अक्सर डॉक्टर सलाह देते हैं कि मीठा का सेवन कम करें और उसकी जगह हेल्दी ऑप्शन को तलाशें। मीठा में गुड़ को चीनी से बेहतर ऑप्शन माना जाता है। गुड़ को गन्ने से तैयार किया जाता है जो सेहत को बेहद फायदा पहुंचाता है।
गुड़ में मोजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम मौजूद होता है जो ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ने नहीं देता और हड्डियों को भी मजबूत करता है। हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करने में गुड़ जादुई असर करता है। गुड़ का सेवन करने से मोटापा कंट्रोल रहता है। इसका सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहता है और दिल की सेहत दुरुस्त रहती है। इस आर्टिकल में हम इसी बारे में जानेंगे कि क्यों गुड़ की जगह चीनी खाना सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद है।
गुड में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। गुड़ में आयरन की अच्छी मात्रा होती है, जो खून की कमी को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा, इसमें कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे जरूरी मिनरल्स भी होते हैं। ये फायदे चीनी खाने से नहीं मिलते। ये पोषक तत्व हड्डियों, ब्लड और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
गुड़ को गन्ने के रस को उबालकर बनाया जाता है और इसमें कम प्रोसेसिंग होती है। इसके विपरीत शक्कर को कई रासायनिक प्रक्रियाओं से गुजारना पड़ता है, जिससे इसके पोषक तत्व कम हो जाते हैं। इस लिहाज से गुड़ शक्कर से काफी बेहतर है।
शक्कर की तुलना में गुड़ खाने से ब्लड शुगर का लेवल धीरे-धीरे बढ़ता है, जिससे एक सामान्य एनर्जी मिलती है और ब्लड शुगर के स्तर में तेजी से उतार-चढ़ाव नहीं होता। वहीं चीनी खाने से ऊर्जा तुरंत मिलती है। हालांकि, इसके बाद थकावट भी जल्दी होती है। खासकर डायबिटीज के रोगियों के लिए चीनी का सेवन नुकसानदायक हो सकता है।
गुड़ पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय रूप से सहायक है। इसका नियमित सेवन पाचन क्रिया को सक्रिय करने और आंतों में सुचारु गतिविधि को प्रोत्साहित कर सकता है, जिससे कब्ज, पेट फूलना, और गैस जैसी समस्याओं को कम किया जा सकता है।
गुड़ के अद्वितीय गुणों में से एक है इसकी रक्त शुद्धिकरण क्षमता। यह शरीर से अशुद्धियों को बाहर निकालने में सहायक होता है, जिससे रक्त परिसंचरण में सुधार होता है। इसके अलावा, गुड़ लीवर को डिटॉक्सिफाई करने में भी मदद करता है।
गुड़, रिफाइंड शुगर के विपरीत, एक स्थिर ऊर्जा स्रोत प्रदान करता है। यह शरीर द्वारा धीरे-धीरे अवशोषित होता है, जिससे ऊर्जा का स्तर स्थिर रहता है और शर्करा के सेवन के बाद आमतौर पर जो उतार-चढ़ाव होता है, वह कम होता है। यह एथलीटों और व्यायाम करने वालों के लिए उत्तम ऊर्जा स्रोत है।
गुड़ मेटाबोलिज्म को बढ़ावा देने और शरीर की वसा जलने की क्षमता को सक्रिय करने में सहायक हो सकता है। यह वजन प्रबंधन के लिए एक अच्छा विकल्प है, क्योंकि यह न केवल वसा जलने की प्रक्रिया को सक्रिय करता है, बल्कि यह अतिरिक्त कैलोरी के सेवन को भी कम करने में मदद कर सकता है। गुड़ का नियमित उपयोग, विशेष रूप से चीनी के विकल्प के रूप में, वजन नियंत्रण और स्वस्थ जीवनशैली की ओर एक कदम हो सकता है। इसके मीठे स्वाद के बावजूद, गुड़ में उच्च फाइबर सामग्री होती है, जो भूख को नियंत्रित करने और लंबे समय तक संतृप्ति की भावना प्रदान कर सकती है।
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