विमल सोनी/रतनपुर –
महामाया धर्मशाला में चल रहै जायसवाल परिवार का आयोजन संगीतमय श्रीमद् भागवत पुराण कथा में परिवार के साथ पुरे नगर रतनपुर व आसपास गांव के भक्त पहुंच रहे हैं। कथा वाचक पंडित राजेंद्र कृष्ण पांडे कुरकाई पेंड्रा वाले ने कहा कि पितरों की शांति के भागवत कथा अवश्य करानी चाहिए और मन से श्रवण भी करना चाहिए।
कथा के तीसरे दिन कथा श्रवण कराते हुए बताया कि श्रीमद् भागवत पुराण में सभी ग्रंथों का सार है। यही एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें भगवान की सारी लीलाओं का विस्तार से वर्णन किया गया है। जब सौभाग्य का उदय होता है तब भागवत कथा सुनने को मिलती है। यह ग्रंथ साक्षात भगवान का स्वरूप है। इसीलिए श्रद्धापूर्वक भागवत की पूजा की जाती है। इसको पढ़ने और श्रवण करने से मोक्ष सुलभ होता है। मन की शुद्धि के लिए इससे बढ़ा कोई साधन नहीं है। भागवत पाठ से सभी दोष नष्ट हो जाते हैं। भागवत पुराण में 18000 श्लोक और 12 स्कंध हैं। भगवान का अर्थ भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, तारण है। इसलिए पितरों की शांति के लिए भागवत कथा का आयोजन कराना चाहिए। जिस परिवार के नाम से भागवत पुराण का पाठ होता है उस परिवार में भक्ति का प्रादुर्भाव स्वत: ही हो जाता है और माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है, शत्रु स्वत: ही नष्ट हो जाते हैं, मनुष्य को मान सम्मान की प्राप्ति होती है। कलयुग में घटने वाली घटनाओं की भविष्यवाणी इस पुराण में बहुत पहले कर दी गई थी।
जायसवाल परिवार ने अपने निजी सामाजिक और पारिवारिक कार्यक्रम के रूप में श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ सत्र का आयोजन किया है, जो कि एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम है। यह आयोजन परिवार के सदस्यों और उनके मित्रों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसमें वे श्रीमद् भागवत महापुराण के ज्ञान को प्राप्त करेंगे और अपने जीवन को अधिक अर्थपूर्ण बनाएंगे।
आयोजन का मुख्य उद्देश्य परिवार के सदस्यों को श्रीमद् भागवत महापुराण के ज्ञान से अवगत कराना है, जो कि हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से एक है। इस अनुष्ठान में, विद्वान पंडित कथा वाचक पंडित राजेंद्र कृष्ण पांडेय (श्री श्याम भागवत प्रशिक्षण केंद्र) कुरकाई पेंड्रा वाले द्वारा विशेष प्रवचन किए जा रहे हैं जाएंगे, जिनमें श्रीमद् भागवत महापुराण के महत्वपूर्ण अध्यायों और श्लोकों की व्याख्या की जाएगी।
आयोजन में विशेष व्यवस्था एवं विभिन्न आयोजन किए गए हैं जैसे –
– विशेष अनुष्ठान और पूजा
– विद्वान पंडितों द्वारा पाठ
– श्रीमद् भागवत महापुराण के ज्ञान का प्रसार
– पारिवारिक सदस्यों और मित्रों के साथ धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव करना
इस आयोजन में, परिवार के सदस्यों को धार्मिक और सांस्कृतिक ज्ञान प्राप्त होता हो, जो कि उनके जीवन को समृद्ध बनाने में सहायक हो। जायसवाल परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ सत्र एक महत्वपूर्ण पारिवारिक और धार्मिक अनुष्ठान है, जो कि परिवार के सदस्यों को श्रीमद् भागवत महापुराण के ज्ञान से अवगत कराता है।
इस आयोजन के मुख्य आयोजक हैं:
श्रीमती विद्यावती जायसवाल
श्रीमती सुषमा जयसवाल
श्री चंद कुमार कुंती जायसवाल
शरद सरिता जायसवाल
संजय निधि जायसवाल
विकास वर्षा जयसवाल
अविनाश तनु जायसवाल
पंकज मनोरमा जायसवाल
विनय नम्रता जायसवाल
नीरज अनुराधा जायसवाल
विमल गुंजा जायसवाल
विपिन सीमा जयसवाल
नितिन सरला जायसवाल
अभिषेक (गप्पु) मोनिका जायसवाल
नवीन सौम्या विनम वंशिका ईशान अथर्व विवान पलक ओजल पावनी प्रांशी आरुष आराध्या अन्य अनमय अयाशी अन्यय रियांश अव्यांश प्रमुख सदस्य हैं.
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