तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में मूसलाधार बारिश के कारण अब तक 31 लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा आवागमन के साधन जैसे सड़कें और रेल पटरियां भी क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। वहीं हजारों एकड़ कृषि भूमि पानी में डूब गई है और एजेंसियों को बचाव एवं पुनर्वास के काम में लगाया गया है। दोनों तेलुगु भाषी राज्य सोमवार को बारिश के कारण प्रभावित रहे। वर्षाजनित घटनाओं में तेलंगाना में 16 लोग और पड़ोसी आंध्र प्रदेश में 15 अन्य लोगों की मौत हो गई। तेलंगाना के समुद्रम के नजदीक रेल की पटरियों के नीचे बजरी का एक हिस्सा बाढ़ के पानी के कारण बह गया। वहीं आंध्र प्रदेश में करीब 4.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। विजयवाड़ा में दूध समेत जरूरी सामान लेने के लिए लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में एनटीआर, गुंटूर, कृष्णा, एलुरु, पालनाडु, बापटला और प्रकाशम शामिल हैं। राहत एवं बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ की 20 और एनडीआरएफ की 19 टीमें लगी हुई हैं। पिछले तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश और कई हिस्सों में 24 घंटे से अधिक समय तक बिजली कटौती के कारण विजयवाड़ा में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। बाढ़ के बीच इंटरनेट और मोबाइल टेलीफोन सेवाएं बाधित हो गई हैं। हैदराबाद से कनेक्टिविटी प्रभावित हो गई। विजयवाड़ा शहर और उसके आसपास के इलाकों में परिवहन सेवाएं अस्त-व्यस्त हो गई हैं। वहीं प्रकाशम बैराज से सोमवार सुबह आठ बजे तक 11.3 लाख क्यूसेक बाढ़ का पानी छोड़ा गया।
इसके अलावा तेलंगाना में बारिश से जुड़ी विभिन्न घटनाओं में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई है। राज्य सरकार ने सोमवार को शुरुआती तौर पर 5,000 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया। राज्य सरकार ने 2,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता की तत्काल मांग की। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रभावित इलाकों का दौरा करने और बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की अपील की। उन्होंने बारिश से जुड़ी घटनाओं में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने वर्षा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के तहत सूर्यपेट में मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक की।
राज्य के आईटी एवं उद्योग मंत्री डी. श्रीधर बाबू ने बताया कि नुकसान की रिपोर्ट मिलने के बाद ही पूरा ब्यौरा पता चल पाएगा। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सरकार बाढ़ से हुए नुकसान पर एक व्यापक रिपोर्ट केंद्र को सौंपेगी। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार 1.5 लाख एकड़ से अधिक भूमि पर लगी फसलों को नुकसान हुआ है। खम्मम के बाढ़ प्रभावित इलाकों में भारी नुकसान का मंजर देखने को मिला, जहां घरेलू सामान बह गए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों ने राज्य के राजस्व मंत्री पी. श्रीनिवास रेड्डी और कृषि मंत्री टी. नागेश्वर राव को अपनी व्यथा सुनाई। ये दोनों मंत्री उनसे मिलने आए थे।
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