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शादी के बाद पहली बार रख रहीं है हरितालिका तीज का व्रत, तो जान लें व्रत के महत्वपूर्ण नियम:

हरतालिका तीज हर साल भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इस त्योहार में मां पार्वती और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। हरतालिका तीज व्रत में सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-सौभाग्य की कामना के लिए व्रत रखती हैं। वहीं कुछ जगहों पर कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर के लिए यह व्रत रखती हैं। इस व्रत को बेहद ही कठिन माना जाता है, क्योंकि ये निर्जला व्रत होता है। इस दिन महिलाएं बिना अन्न-जल ग्रहण किए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। हरतालिका तीज खासतौर से उत्तर भारत के राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल हरतालिका तीज 6 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा। इसलिए आइए इस लेख में हरतालिका तीज से जुड़े व्रत नियम के बारे में जानते हैं, साथ ही ये भी जानेंगे कि इसका पूजा मुहूर्त कब है।

हरतालिका तीज का महत्व

हरतालिका तीज का महत्व बहुत ही खास माना जाता है। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखती हैं और मिट्टी की भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा बनाकर कठोर तप करती हैं। इस व्रत में पानी नहीं पिया जाता है। साथ ही रात्रि में जागकर भगवान शिव और माता पार्वती का जागरण किया जाता है।

हरतालिका तीज के नियम

  • हरतालिका तीज का व्रत रखने के एक दिन पूर्व से ही सात्विक भोजन करना चाहिए और तीज पूजा सामग्री और सरगी की व्यवस्था कर लेनी चाहिए.
  • हरतालिका तीज का व्रत निर्जला रखा जाता है, इसमें अन्न, जल, फल आदि खाना वर्जित है. यहि व्रत तीज के सूर्योदय से चतुर्थी के सूर्योदय तक रखा जाता है. 24 घंटे तक कुछ नहीं खाते हैं.
  • तीज के दिन व्रती को ब्रह्म मुहूर्त 04:30 ए एम से 05:16 ए एम के बीच नित्य कर्म से मुक्त होकर सरगी खाना चाहिए. सरगी में आप फल, मिठाई आदि का सेवन कर सकती हैं. सूर्योदय 06:02 ए एम से आपका व्रत प्रारंभ हो जाएगा.
  • तीज पूजा में माता पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी की मिट्टी की मूर्ति या तस्वीर का उपयोग करें. पूजा प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त 06:36 पी एम के बाद करें. पूजा के लिए मूर्ति की स्थापना दोपहर में करते हैं.
  • इस दिन व्रती को सोलह श्रृंगार के साथ नए वस्त्र पहनना चाहिए. माता पार्वती की पूजा में पीले सिंदूर का इस्तेमाल करते हैं. पूजा के समय आप भी पीला सिंदूर लगाएं. य​ह सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है.
  • तीज पूजा में माता पार्वती को भी सुहाग सामग्री, लाल साड़ी, चुनरी आदि चढ़ाते हैं. हरतालिका तीज की व्रत कथा सुनते हैं. माता पार्वती और शिव जी की आरती करते हैं.

हरतालिका तीज व्रत तिथि

हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को रखा जाता है। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक इस तिथि की शुरुआत 5 सितंबर 2024 को दोपहर 12:21 पर शुरू होगा। इस तिथि का समापन 6 सितंबर 2024 को शाम 03:01 पर होगा

हरतालिका तीज पूजा शुभ मुहूर्त 2024

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 06 सितंबर 2024 को प्रातः 06:01 बजे से प्रातः 08:32 बजे तक रहेगी। कुल मिलाकर 2 घंटे 31 मिनट का पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा।

 

News36garh Reporter

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