धर्म व त्यौहार

आज है विश्वकर्मा जयंती – जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को देव शिल्पी भगवन विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है l भगवान् विश्वकर्मा अस्त्र शस्त्र और मशीनों के देवता के रूप में पूजे जाते है l भगवान विश्वकर्मा ने सतयुग में स्वर्ग, त्रेता युग में सोने की लंका, द्वापर में द्वारिका नगरी और कलयुग में भगवान् जगन्नाथ की मूर्तियों का निर्माण किया था इसलिए इन्हें देवशिल्पी कहा जाता है l

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र हैं। विश्वकर्मा जयंती के दिन लोग अपने कारोबार में तरक्की, उन्नति के लिए औजारों और मशीनों की पूजा करते हैं।

 

विश्वकर्मा पूजा 2024 शुभ मुहूर्त

भगवान विश्वकर्मा की पूजा के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त 17 सितंबर को सुबह 6 बजकर 7 मिनट से सुबह 11 बजकर 43 मिनट का रहेगा। विश्वकर्मा जयंती की पूजा इसी मुहूर्त में करना शुभ और लाभदायक रहेगा।

विश्वकर्मा पूजा विधि

  • विश्वकर्मा पूजा के दिन प्रात:काल स्नान आदि कर साफ कपड़े पहन लें।
  • इसके बाद पूजा स्थल या मंदिर को साफ कर गंगाजल छिड़कर शुद्ध कर लें।
  • अब  एक चौकी लेकर उस पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं।
  • पीले कपड़े पर लाल रंग के कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं फिर भगवान गणेश का ध्यान करते हुए उन्हें प्रणाम करें।
  • स्वास्तिक पर चावल और फूल अर्पित करें। फिर चौकी पर विश्वकर्मा जी की प्रतिमा या फोटो रखें। फिर एक दीपक जलाकर चौकी पर रखें।
  • विश्वकर्मा जी के मस्तक पर तिलक लगाएं और अन्य पूजा सामग्री अर्पित करें।
  • विश्वकर्मा जी और विष्णु जी को प्रणाम करते हुए उनका स्मरण करें।
  • साथ ही यह प्रार्थना करें कि वह आपके नौकरी या व्यापार में तरक्की करवाएं।
  • फिर विश्वकर्मा जी के मंत्रों का जप करें।
  • विश्वकर्मा जी की आरती करें। आरती के बाद भगवान विश्वकर्मा को फल-मिठाई का भोग लगाएं।
  • भोग लगाने के बाद प्रसाद सभी में बांट दें।

आज भूल कर भी ना करें ये गलतियाँ –

  • आप अपने कल-कारखानों में जिन औजारों का इस्तेमाल करते हैं, उसकी पूजा विश्वकर्मा जयंती पर जरूर करें और इस दिन उनका प्रयोग न करें.
  • विश्वकर्मा पूजा के दिन अपने औजार, मशीन या जिन चीजों से आप काम करते हैं उन्हें किसी दूसरे व्यक्ति को इस्तेमाल के लिए न दें.
  • भगवान विश्वकर्मा की पूजा के समय प्रतिमा के साथ अपने औजारों को रखना भूलें.
  • इस बात का खास ध्यान रखें कि औजारों या मशीनों की पूजा से पहले उनकी अच्छी तरह से साफ-सफाई कर लें.
  • यदि आपके पास वाहन है तो विश्वकर्मा के दिन अपने वाहन की पूजा करना न भूलें.
  • विश्वकर्मा के पूजा के दिन ब्राह्मणों और गरीबों में दान-दक्षिणा करना न भूलें.
  • विश्वकर्मा जयंती के दिन तामसिक भोजन या मांस-मदिरा के सेवन से दूर रहें.
  • अगर आप शिल्पकार हैं तो विश्वकर्मा पूजा के दिन किसी नए यंत्र का निर्माण करने से बचें.

 

News36garh Reporter

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