कोरबा संवाददाता – कृष्णा दास
कोरबा बांकी मोंगरा न्यूज 36 गढ़:– शासकीय नवीन महाविद्यालय, बांकीमोंगरा में राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के तत्वावधान में “स्वच्छता ही सेवा 2024″ अभियान का शुभारंभ हुआ। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना है, जिसमें छात्रों और समाज की महत्वपूर्ण भागीदारी सुनिश्चित की गई है। इस वर्ष की थीम *”स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता” रखी गई है, जो हमें स्वच्छता को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने की प्रेरणा देती है।
कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापकगण श भुनेश्वर सिंह कंवर तथा विजय कुमार लहरे उन्होंने छात्रों को स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कैसे स्वच्छता केवल व्यक्तिगत आदत ही नहीं, बल्कि यह एक सामूहिक प्रयास है जो पूरे समाज को प्रभावित करता है। वक्ताओं ने महात्मा गांधी के विचारों को उद्धृत करते हुए स्वच्छता के महत्व को समझाया और बताया कि गांधी जी ने स्वच्छ भारत का सपना देखा था, जिसमें प्रत्येक नागरिक की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
अशोक कुमार श्रीवास अंग्रेजी प्राध्यापक ने छात्रों को यह समझाया कि स्वच्छता न केवल बाहरी शारीरिक स्वच्छता है, बल्कि यह मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धता से भी जुड़ी है।
महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के कार्यक्रम अधिकारी श्री रघुराज सिंह तंवर ने छात्रों से आग्रह किया कि वे इस अभियान को केवल एक कार्यक्रम के रूप में न देखें, बल्कि इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं और समाज में एक स्वच्छता की आदत को विकसित करें। तथा स्वयंसेवकों एवं छात्र-छात्राओं को 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2024 तक चलने वाली स्वच्छता अभियान की विस्तृत रूपरेखा बताई गई:–
छात्रों की भागीदारी और स्वच्छता अभियान
महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने पूरे उत्साह के साथ इस अभियान में भाग लिया। NSS स्वयंसेवकों ने महाविद्यालय परिसर और आसपास के क्षेत्रों में सफाई अभियान चलाया। इस अभियान के अंतर्गत छात्रों ने प्लास्टिक कचरे को एकत्रित कर उसे पुनर्चक्रण केंद्रों तक पहुंचाया और लोगों को प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया।
श्रमदान की भावना:
छात्रों ने श्रमदान के माध्यम से न केवल परिसर को साफ किया, बल्कि आस-पास के क्षेत्रों में भी सफाई अभियान चलाया। इसके साथ ही छात्रों ने यह संकल्प लिया कि वे स्वच्छता के संदेश को पूरे समाज में फैलाएंगे।
प्रमुख गतिविधियाँ:
– परिसर और उसके आसपास सफाई अभियान
– प्लास्टिक कचरे का निष्पादन और पुनर्चक्रण के प्रति जागरूकता
– स्वच्छता से संबंधित नुक्कड़ नाटक और जागरूकता रैली का आयोजन
श्रमदान के माध्यम से सामाजिक स्वच्छता का संदेश फैलाना
आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा
स्वच्छता ही सेवा अभियान 2 अक्टूबर 2024 तक चलेगा, जिसमें विभिन्न स्वच्छता संबंधी गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। इन गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों तक स्वच्छता के महत्व को पहुँचाना है।
प्रमुख आगामी योजनाएँ:
गांवों और शहरी क्षेत्रों में सफाई अभियान: NSS के स्वयंसेवक गांवों और शहरों के प्रमुख स्थानों पर सफाई करेंगे, जिसमें सड़कों, सार्वजनिक पार्कों, स्कूलों और सरकारी भवनों की सफाई शामिल होगी।
स्वच्छता रैली: जागरूकता रैलियों के माध्यम से लोग जागरूक किए जाएंगे और सार्वजनिक स्थानों पर कचरा न फैलाने की अपील की जाएगी।
स्वच्छता कार्यशालाएँ: स्कूलों, कॉलेजों और समुदायों में स्वच्छता से संबंधित कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, जिसमें बच्चों और युवाओं को स्वच्छता के प्रति शिक्षित किया जाएगा।
स्वच्छ भारत दिवस:
2 अक्टूबर 2024 को महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर स्वच्छ भारत दिवस मनाया जाएगा। इस दिन विशेष स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। NSS के स्वयंसेवक विभिन्न स्थानों पर सफाई अभियान चलाएंगे और स्वच्छता के उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा।
अभियान के उद्देश्य
“स्वच्छता ही सेवा” अभियान का मुख्य उद्देश्य देशभर में स्वच्छता के प्रति जनजागरूकता बढ़ाना है। NSS के माध्यम से स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने का यह प्रयास समाज को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अभियान के माध्यम से स्वच्छता को केवल एक आदत ही नहीं, बल्कि एक संस्कार के रूप में विकसित करने की पहल की गई है।
अभियान के प्रमुख उद्देश्य:
1. जन-जागरूकता: स्वच्छता के प्रति समाज के हर वर्ग में जागरूकता फैलाना।
2. सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता: सार्वजनिक स्थानों, सड़कों, पार्कों, रेलवे स्टेशनों, और स्कूलों की स्वच्छता सुनिश्चित करना।
3. व्यक्तिगत स्वच्छता: व्यक्तिगत स्वच्छता के महत्व को समझाना और लोगों को स्वच्छता अपनाने के लिए प्रेरित करना।
4. स्वच्छता को जीवन का अंग बनाना: स्वच्छता को सिर्फ एक विशेष दिन या कार्यक्रम तक सीमित न रखकर इसे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बनाना।
स्वयंसेवकों की भूमिका
NSS स्वयंसेवक इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। स्वयंसेवक स्कूलों, कॉलेजों और समुदायों में जाकर स्वच्छता के महत्व को समझाते हुए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। इसके अलावा, वे श्रमदान के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर सफाई अभियान चला रहे हैं और स्वच्छता की दिशा में अपना योगदान दे रहे हैं।
स्वयंसेवकों के योगदान के प्रमुख क्षेत्र:
– गांवों और शहरों में स्वच्छता अभियान
– कचरे का पुनर्चक्रण और उसके प्रति जागरूकता – स्वच्छता जागरूकता रैलियों और नुक्कड़ नाटकों का आयोजन
कैसे योगदान दें
स्वच्छता ही सेवा अभियान में हर कोई अपना योगदान दे सकता है। NSS स्वयंसेवक इस अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन इसके सफल होने के लिए समाज के हर नागरिक की भागीदारी आवश्यक है।
आपके योगदान के प्रमुख तरीके:
स्वयंसेवक बनें: NSS या अन्य संगठनों के माध्यम से स्वयंसेवक बनें और इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें।
अपने घर और परिवेश को स्वच्छ रखें: घर और आस-पास के क्षेत्रों को साफ रखें और कचरे का सही निष्पादन करें।
स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाएं: अपने परिवार, दोस्तों और समाज को स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक करें।
प्लास्टिक का उपयोग कम करें: प्लास्टिक का उपयोग कम करने और पुनर्चक्रण के प्रति जागरूकता फैलाएं। *सार्वजनिक स्थानों पर कचरा न फेंकें सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता बनाए रखने के लिए कचरा इधर-उधर न फेंकें।
कार्यक्रम का समापन महात्मा गांधी की विचारधारा और उनके स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के संकल्प के साथ हुआ। NSS के स्वयंसेवकों ने समाज को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने के अपने निरंतर प्रयास जारी रखने की शपथ ली। स्वच्छता ही सेवा अभियान के माध्यम से एक स्वच्छ और स्वस्थ भारत की दिशा में यह कदम उठाया गया है, जिसमें हर नागरिक की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
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