सरगुजा संवाददाता – अजय गौतम
क्या पूर्व उपमुख्यमंत्री ये बतायेंगे कि विदेशी फंडिंग डकार कर आदिवासियों को मुर्ख बनाने वाले आलोक शुक्ला से उनके क्या संबंध हैं?- संतोष दास
//अंबिकापुर//
पिछले दिनों राष्ट्रीय दैनिक अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपे गैर सरकारी संगठनों के विदेशी फंडिंग पर आईटी विभाग की गंभीर रिपोर्ट को लेकर भाजपा सरगुजा जिला संवाद प्रमुख संतोष दास ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने अपने जारी बयान में कहा है कि आईटी की रिपोर्ट से ‘हसदेव बचाओ’ के नाम पर विदेशी फंडिंग से फर्जी आंदोलन चला रहे रायपुर के कथित एनजीओ बेनकाब हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 7-8 सालों से सरगुजा के भोले भाले आदिवासियों को उनके व उनके ग्रामीण क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास से दूर रखने का षडयंत्र रायपुर की एनजीओ ‘छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन’ के प्रमुख आलोक शुक्ला और उनके साथी करते आ रहे हैं।
यही नहीं ‘हसदेव बचाओ’ के नाम पर उन्होंने विदेशी फंडिंग एजेंसियों से खुद तो करोड़ों रुपये कमा लिए परंतु राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन लिमिटेड के परसा कोल ब्लाक अंतर्गत आने वाले गांवों के युवाओं तथा ग्रामीणों को बरगलाकर वो केवल नारे लगवाते रहे। भाजपा जिला संवाद प्रमुख संतोष दास ने आलोक शुक्ला और उनके साथियों के फर्जी आंदोलन का समर्थन करने वाले पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री टी एस सिंह देव सहित कॉंग्रेस पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए उनसे पूछा है कि वो बतायें कि विदेशी फंडिंग डकार कर आदिवासियों को मुर्ख बनाने वाले आलोक शुक्ला से उनके क्या संबंध हैं? श्री संतोष दास ने आगे अपने बयान में चैरिटी के नाम पर विकास विरोधी एजेंडा चलाने वाले सामाजिक संगठनों की पोल खोलते हुए बताया कि हमने पिछले कुछ सालो में देखा है कि छत्तीसगढ़ में खनन क्षेत्र का विरोध करने के लिए भीड़ इकट्ठी करने और सोशल मीडिया में प्रोपेगंडा चलाने के लिए रायपुर स्थित कुछ कथित सामाजिक संगठनों ने करोडों रुपये खर्च किया है। और इसी बात पर आज देश के एक प्रमुख अखबार ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया है कि ‘हसदेव बचाओ’ के नाम पर आयकर विभाग के नियमों की अवहेलना कर राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर पालिसी रिसर्च (CPR) द्वारा देश और विदेश से दस करोड़ रुपये से भी ज्यादा का चंदा एकत्र किया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री टी एस सिंह देव ने हसदेव में खनन क्षेत्र का विरोध करने के लिए अपने एनजीओ में करोड़ों रुपये अवैध विदेशी चंदा पाने वाले आलोक शुक्ला का न केवल आँख मूँद कर समर्थन किया है बल्कि उसके अनेक आयोजनों में वो प्रत्यक्ष उपस्थित भी रहे हैं जिसके प्रमाण सोशल मीडिया में उपलब्ध हैं। उन्होंने श्री सिंह देव पर गंभीर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस की पिछली सरकार में एक जिम्मेदार पद पर होते हुए भी वह काले धन से जुड़े हुए आपराधिक तत्वों को सरगुजा और पास के हसदेव क्षेत्र में बढ़ावा देते रहे हैं। श्री टीएस सिंह देव ऐसा करते हुए सिर्फ उपमुख्यमंत्री पद की गरिमा ही नहीं चूके बल्कि वो गैरकानूनी गतिविधियों के समर्थक बन कर ही रह गए। उन्हें अपने और आलोक शुक्ला की नजदीकियों और उसके आर्थिक व्यवहारों पर सफाई देनी चाहिए साथ ही उन्हें आलोक शुक्ला की संपत्ति और हसदेव विरोधी गतिविधियों के बारे में जो कुछ भी पता हो वह आयकर विभाग को जल्द ही बताना चाहिए।
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