चैत्र नवरात्रि हो या शारदीय दोनों में ही कन्या पूजन का विशेष महत्व है। नवरात्रि के दौरान, व्रत रखने वाले भक्त अष्टमी या नवमी तिथि को कन्या पूजन करते हैं और कन्याओं को भोजन करवाते हैं। कन्या पूजन की ये परंपरा सदियों से चली आ रही है, लेकिन इसकी शुरुआत कैसे हुई और कन्या पूजन का महत्व क्या है, इसके बारे में आइए विस्तार से जानते हैं।
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार, इंद्र देव ने ब्रह्मा जी के कहने पर कन्या पूजन किया था। दरअसल, इंद्रदेव देवी मां को प्रसन्न करना चाहते थे। अपनी इच्छा को लेकर इंद्रदेव ब्रह्मा जी के पास पहुंचे और उन्हें माता दुर्गा को प्रसन्न करने का उपाय पूछा। ब्रह्मा जी ने इंद्रदेव से कहा कि, देवी माता को प्रसन्न करने के लिए आपको कन्याओं का पूजन करना चाहिए और उन्हें भोजन कराना चाहिए। ब्रहाा जी की सलाह के बाद इंद्रदेव ने माता की विधि-विधान से पूजा करने के बाद कुंवारी कन्याओं का पूजन किया और उन्हें भोजन करवाया। इंद्रदेव के सेवा भाव को देखकर माता प्रसन्न हुईं और उन्हें आशीर्वाद दिया। ऐसा माना जाता है कि, तभी से कन्या पूजन की परंपरा शुरू हुई।
नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन करने का विशेष महत्व बताया गया है. लेकिन, अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का महत्व और बढ़ जाता है. इन दिनों कन्याओं को पूजन कर उन्हें भोजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं. भक्तों को अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं. शास्त्रों में बताया गया कि माता दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए कन्या पूजन करना बहुत ही शुभ माना गया है. कन्याओं की पूजन करने से माता मां दुर्गा की कृपा हमेशा बनी रहती है, इसलिए नवरात्रि में कन्या पूजन करने का विशेष महत्व माना गया है.
आज का पंचांग तिथि सप्तमी 18:12 तक नक्षत्र आश्लेषा 17:10 तक प्रथम करण बावा 18:12…
रतनपुर संवाददाता - विमल सोनी रतनपुर- माँ महामाया की नगरी रतनपुर में यादव समाज कल्याण…
आरंग/सोमन साहू:- जनपद पंचायत आरंग के अध्यक्ष प्रतिनिधि डुमेन्द्र साहू को छ.ग प्रदेश साहू संघ…
रायपुर/आरंग संवाददाता - सोमन साहू भाजपा आरंग विधानसभा परिवार द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह आज…
सरगुजा संवाददाता - विकास अग्रवाल प्रधानमंत्री स्वनिधि पखवाड़ा 18 नवंबर से 2 दिसंबर 2024 तक…
बिलासपुर संवाददाता - विमल सोनी सदर बाजार मार्केट बिलासपुर से बड़ी खबर सामने आ रही…