व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं। इसके बाद नए वस्त्र धारण कर और ईश्वर का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। ध्यान रहे की काले और सफ़ेद रंग के वस्त्र व श्रृंगार ना करें l

घर के मंदिर की दीवार पर गेरू से फलक बनाकर करवा का चित्र बनाएं। अब शाम की पूजा के दौरान फलक वाले स्थान पर चौकी रखकर उसपर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर शिव-पार्वती की तस्वीर स्थापित करें।

पूजा की थाली में दीप, सिंदूर, अक्षत, कुमकुम, रोली और मिठाई आदि शामिल करें। साथ ही करवे में जल भरकर रख लें। शाम को खुद भी 16 श्रृंगार करें व पूजा के दौरान मां पार्वती को 16 शृंगार सामग्री अर्पित करें और विधि-विधान से शिव-शक्ति की पूजा-अर्चना करें। पूजा के अंत में करवा चौथ की कथा सुनें। रात में चांद निकलने के बाद छलनी से चंद्रमा के दर्शन कर चंद्रदेव की पूजा करें। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पानी पीकर अपने व्रत का पारण करें।