जांजगीर चांपा संवाददाता – राजेंद्र जायसवाल
चंद रुपए की लालच में जानमाल से खिलवाड़ कर रहे अवैध कारोबारी
चांपा। दीपावली त्योहार को उल्टी गिनती शुरू हो गई है। भले ही अब तक जिला मजिस्ट्रेट की ओर से पटाखों के भंडारण के लिए कोई लाइसेंस जारी नहीं किए गए हैं इसके कुछ फटका विक्रेताओं ने शहर को बारुद कारोबार कर दिया है। कारोबारियों द्वारा शहर के रिहायशी इलाकों में व्यापक स्तर भंडारण किया गया है। ऐसे कारोबारी चंद रुपए की लालच में लोगों की जानमाल से खिलवाड़ कर रहे हैं। वहीं पुलिस और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। दैनिक श्रमबिंदु अखबार’ को टीम द्वारा शुक्रवार को कोसा कांसा कंचन कि नगरी चांपा पहुंचकर जानकारी जुटाई गई कि शहर में पटाखों के भंडारण की क्या है। रिहायशी क्षेत्र में फटाखा विक्रेताओं भीड़भाड़ वाला इलाका सादर बाज़ार, गौशाला रोड स्टेशन रोड, महाजीत वाले आबादी वाले इलाके में पटाखों का व्यापक स्तर पर भारी भंडारण है। ऐसे लोगों के पास लाइसेंस नहीं है कि यह बह फटाकों का भंडारण कर सकें लेकिन चंद रुपए की लय में वे लोगों की जानमाल से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसी मनमर्जी से पटाखा गोदामों के साथ अन्य दुकानों पर भी खतरा मंडरा रहा है। इन इलाकों में पटाखों का भंडारण खतरे की घंटी है, लेकिन पुलिस और प्रशासन इन पर कार्यवाई करना मुनासिब नहीं समझ रहा है। कुछ दुकानदारों ने बताया कि पुलिस प्रशासन को पटाखों के भंडारण को भलीभांति जानकारी होती है, लेकिन यह सब कुछ जानते हुए भी प्रशासन कानों में तेल डालकर सोता रहता है। ऐसे में यह कहीं
अवैध तौर पर फटाका के भंडारण से निकली एक चिंगारी तबाही हो सकती है। अगर लापरवाही के आलम में कहीं पर अप्रिय घटना घटी तो उसके पास सिवाय हाथ मलने के कुछ नहीं हो और आग लगने के बाद प्रशासन को कुवां खोदने की याद आएगी।
इन इलाकों में अवैध भंडारण
शहर की कई आबादी के साथ ही गोशाला मार्ग, बरपाली चौक, जगदाला रोड, सदर बाजार, स्टेशन रोड के ईदगाह के इर्दगिर्द स्टोर किए गए पटाखें काफी घनी आबादी वाले क्षेत्र में हैं। अगर यहां पर कोई अप्रिय घटना घट जाए तो फायरब्रिगेड की गाड़ी भी नहीं पहुंच सकती है। यहां काफी दुकानों के अलावा काफी संख्या में जनता भी हैं और दिवाली कि खरीददारी करते हुए इन क्षेत्रों में भारी भीड़ भाड़ भी होती है इसके बावजूद प्रशासन बेखबर है।
कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति
पुलिस का आलम यह है कि यह अवैध पटाखा भंडारण करने वालो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने के बजाय मूकदर्शक बनी रहती है। पिछले साल भी अवैध पटाखा विकेताओं के खिलाफ कोई खास कार्यवाही नहीं हुई थी, क्योंकि कुछ पुलिसकर्मी दीपावली के तोहफे के तौर पर पटाखे जो लेकर जाते हैं।
लाइसेंस से कहीं ज्यादा दुकानें
जिले में करीब 200 पटाखा विक्रेताओं को हर साल लाइसेंस जारी किया जाता है, लेकिन दीपावली से बंद पहले। बावजूद इसके, पटाखा की दुकानें काफी पहले सीजन शुरु हो जाती हैं। हैरानी की बात यह है कि लाइसेंसधारी दुकानों से छोटे दुकानदार पटाखे खरीदकर ले जाते हैं और बिना लाइसेंस के ही ब्रिकी करते हैं, लेकिन उनके खिलाफ कार्यवाही नहीं होती है। ऐसा नजारा हर साल देखने को मिलता है। पिछले कई सालों में किसी का लाइसेंस रद्द नहीं किया गया है।
दो साल तक की सजा का प्रावधान
वरिष्ठ अधिवक्ता रवि शुक्ला के मुताबिक, बिना लाइसेंस पटाखा बेचने के दोष में दो साल की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा तीन हजार रुपए तक जुर्माना भी हो सकता है। यहां तक कि सजा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं।
जनता के साथ दैनिक श्रमबिंदु अखबार’ भी जन हित के साथ है। अगर आपके आसपास कहीं पर पटाखों का भंडारण है। पटाखा भंडारण सुरक्षा के लिए खतरा है। इसकी जानकारी आप दैनिक श्रमबिंदु अखबार’ को दे सकते हैं। ऐसी समस्या को दैनिक श्रमबिंदु अखबार प्रशासन तक पहुंचाकर लोगों को निश्चित रूप में सुरक्षा प्रदान कराएगा।
सख्त कार्यवाही की जाएगी
बिना लाइसेंस पटाखों का भंडारण करना व बेचना कानूनन अपराध है। अगर कोई नियमों को अवमानना करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। कहीं पर अवैध रूप से पटाखा भंडारण की जानकारी है तो बेझिझक बताएं। पटाखा के अवैध भंडारण पर शीघ्र शिकंजा कसने को सभी थाना प्रभारियों को सख्त निर्देश दिया गया है। राजेंद्र कुमार जायसवाल एएसपी, जांजगीर-चांपा
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