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फीस नहीं देने पर बच्चों को कर दिया गया शिक्षा के अधिकार से वंचित, पिता ने कलेक्टर से की शिकायत

युसूफ खान/बलरामपुर –

आरटीई के तहत् विद्यालय में प्रवेशित छात्र-छात्राओं से विद्यालय शुल्क की वसुली की जा रही है, शुल्क नहीं देने पर बच्चों का प्रवेश विद्यालय से निरस्त किया जा रहा है, ऐसा आरोप अभिभावक स्वयं ही लगा रहे हैं, इतना ही नहीं बच्चें भी बता रहे हैं कि स्कूल में शिक्षकों के द्वारा कहा जाता है कि यदि विद्यालय का शुल्क नहीं लाये तो परीक्षा का प्रवेश पत्र नहीं मिलेगा और परीक्षा में सम्मिलित नहीं किया जायेगा। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरकार शिक्षा विभाग बलरामपुर क्या कर रहा है,अभिभावकों की शिकायत के बावजुद कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है, फिस नहीं देने पर शिक्षा के अधिकार से कोई विद्यालय कैसे बच्चों को वंचित कर सकता है, यह एक गंभीर सवाल है, जिसकी शिकायत जिला स्तर के सभी कार्यालय तक हुई है, लेकिन शायद यहां बच्चों के शिक्षा के अधिकार को लेकर कोई सजग नज़र नहीं आ रहा है।


वहीं एक अन्य अभिभावक अजय सोनी कहते हैं कि उनके भी बच्चें को आरटीई के तहत् सांई बाबा पब्लिक स्कूल रामानुजगंज में प्रवेश मिला था, किन्तु विद्यालय में बच्चों से शुल्क लिया जाता है, जब से शुल्क देना बंद किया बच्चों का प्रवेश ही विद्यालय में बंद हो गया। दो बच्ची में से एक बच्ची स्कूल जा रही है उसपर भी जबरन दबाव बनाया जा रहा है कि तुम और तुम्हारे परिजन जो मीडिया के सामने बोले हैं वह बोलो गलत है। परिजन का कहना है-मेरी छोटी बच्ची 8 महीने से घर पर ही है। जब मेरी छोटी बच्ची घर पर थी तो मैं रामानुजगंज के ही स्वामी आत्मानंद स्कूल में पढ़ने के लिए भेज रहा था मैं आत्मानंद स्कूल में एडमिशन नहीं कराया था पता नहीं किसने गलत सूचना कलेक्टर महोदय को दे दिया है अब तक मेरे साथ घटित वस्तु स्थिति के बारे में मीडिया वालों के सामने कलेक्टर साहब को बताया हूं। जिस पर जिला कलेक्टर रिमिजियुस एक्का का कहना है यह काफी पुराना मामला है इससे पहले भी मामले की जांच हो चुकी है फिर भी मैं पूरा मदद करूंगा। जिस पर तत्काल कलेक्टर ने रामानुजगंज BEO को फोन कर जांच प्रतिवेदन भेजने को कहा है। अब देखना यह है शिक्षा के अधिकार के तहत इस बच्ची को न्याय मिल पाता है या नहीं।

शिक्षा के अधिकार के तहत् यह नियम है कि आरटीई के तहत् प्राईवेट विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों से कोई शुल्क नहीं लिया जाना है, इसके बावजुद शुल्क की वसुली जारी है, इन सबके बीच शिक्षा का अधिकार यह भी कहता है कि यदि कोई बच्चा शुल्क देकर भी विद्यालय में पढ़ता है और उसका अभिभावक समय पर शुल्क नहीं दे पा रहा है तो स्कूल प्रबंधन बच्चे पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं बनायेगा, बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं करेगा, किन्तु यहां तो शिक्षा के अधिकार कानून का खुला उल्लंघन हो रहा है।

News36garh Reporter

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