चर्चा में

महामाया कुंड मेँ, जाल मेँ फंस कर मिले 30 से अधिक मृत कछुए

विकास मिश्रा की रिपोर्ट

चैत्र नवरात्री से पांच दिन पहले महामाया मंदिर से लगे हुए कुंड मेँ तीस से अधिक परिपक्व कछुए पतले जाल मेँ लिपटे कुंड के किनारे मृत पाए जाने से नगर मेँ ह्ड़कंप मच गया

महामाया मंदिर के कुंड को बेहद पवित्र और धार्मिक मान्यताओं से जोड़ कर देखा जाता हैं इसलिए महामाया मंदिर ट्रस्ट द्वारा उस कुंड मेँ नहाना, कपड़ा धोना, तैरना और मछली मारना प्रतिबंधित कर दिया गया है ऐसे मेँ जाल मेँ फंस कर मृत कछुओं का मिलना कई सवाल खड़ा करता है

बताया जा रहा है कि मंदिर मेँ लगे सी सी टीवी बंद थे ,नवरात्री पर्व के मद्देनज़र सी सी टीवी का बंद रहना और मंदिर सुरक्षा मेँ तैनात जवानों के नाक के नीचे कुंड मेँ जाल डाल कर संरक्षित वन्य जीव कछुओं का शिकार करना, कछुओं का मृत पाया जाना मंदिर ट्रस्ट के सुरक्षा मानकों की घोर अनदेखी और लापरवाही को दर्शाने वाला है, सनद रहे कि लगभग बीस दिनों पहले शंकर द्वार के पास महामाया मैदान मेँ मंदिर ट्रस्ट के अधीन दुकानदारी करने वाले एक व्यवसायी के दुकान मेँ अज्ञात तत्वों द्वारा आग लगा दिया गया था तब भी महामाया ट्रस्ट के सुरक्षा व्यवस्था की असफलता और सी सी टीवी का बंद पाया जाना नगर मेँ चर्चा का विषय था

बेहद सोचनीय मुद्दा है कि कुंड की देख रेख हेतु पुलिसिंग की व्यवस्था क्यों नहीं थी,जबकि मंदिर प्रांगण मेँ ही सुरक्षा कर्मी निवासरत हैँ ? नवरात्री पर्व के ठीक पहले मंदिर मेँ लगे सी सी टीवी को ठीक क्यों नहीं करावाया गया?

कछुओं के संरक्षण के लिए वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत कई प्रावधान हैं. इसके तहत कछुओं की तस्करी, पालना, और बेचना गैरकानूनी है. ऐसे मेँ कुंड मेँ कछुओं को रखना या डालना प्रतिबंधित क्यों नहीं किया गया?

इस घटना से वन विभाग की निष्क्रियता भी सामने आती है, अक्सर रतनपुर मेँ तालाबों मेँ पाए जाने वाले कछुओं को मिलने पर महामाया कुंड मेँ डाल दिया जाता है जबकि वह उनका प्राकृतिक आवास नहीं है, कुछ वर्षो पहले बूढा महादेव कुंड की सफाई के दौरान मिले बेहद पुराने कछुए को महामाया कुंड मेँ ला कर डाला गया था जो कि कुछ ही दिनों मेँ मृत पाया गया था

कुल मिलाकर कुंड के किनारे जाल मेँ फंस कर कछुओं का मृत पाया जाना वन्य संरक्षण अधिनियम का जहाँ घोर उल्लंघन है वहीँ इस घटना के लिए कहीं न कहीं महामाया मंदिर ट्रस्ट का सुरक्षा चूक एक बड़ी वजह है ,विचारणीय मुद्दा है कि मंदिर के कुंड मेँ कछुआ डालना निषेध क्यों नहीं किया गया है? कुंड के आसपास इस निषेधाज्ञा को उल्लेखित क्यों नहीं करवाया गया है?

देखा जाना शेष है कि इस घटना पर वन विभाग क्या कार्यवाही करता है और क्या मंदिर ट्रस्ट इस घटना से सबक लेकर मंदिर परिसर के सुरक्षा व्यवस्था और कछुओं के कुंड मेँ अनाधिकृत रखाव को लेकर गंभीर होगा?

News36garh Reporter

Recent Posts

10 अप्रेल 2025, गुरुवार – कन्या राशी के जातक शत्रुओं से रहे सावधान, पढ़िए अपना दैनिक राशिफल और पंचांग

आज का पंचांग  तिथि त्रयोदशी 25:03 तक नक्षत्र पूर्व फाल्गुनी 12:21 तक प्रथम करण कौवाला…

8 hours ago

एनएसयूआई द्वारा अपने संगठन का स्थापना दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया

संवाददाता/विकास कुमार यादव बलरामपुर /बलरामपुर जिले के राजपुर एनएसयूआई द्वारा अपने संगठन का स्थापना दिवस…

9 hours ago

सुशासन तिहार: कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ ने विभिन्न ग्राम पंचायतों का किया निरीक्षण

आवेदन पत्रों की ली जानकारी, समयबद्ध तरीके से निराकरण करने के दिए निर्देश संवाददाता/विकास कुमार…

9 hours ago

3 वर्ष से अटके रोजगार गारंटी की राशि जनपद उपाध्यक्ष मनोज झा ने किया समस्या निराकरण

कोरबा संवाददाता - संजू वैष्णव जनता को कराया सुशासन तिहार का फार्म उपलब्ध करतला विकासखंड…

9 hours ago

महिला को टक्कर मारने वाले मोटरसाइकिल चालकों की पहचान – मोटर व्हीकल एक्ट के तहत की गई विधिसम्मत कार्यवाही

पेंड्रा संवाददाता – दीपक कश्यप पांच दिवस पूर्व सिंध मेडिकल के सामने सड़क पार कर…

9 hours ago