बैसाखी मुख्य रूप से उत्तर भारत के कई राज्यों में मनाई जाती है, लेकिन इसका सबसे बड़ा और प्रमुख उत्सव पंजाब में होता है। इसके अलावा यह हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, बिहार और कश्मीर के कुछ हिस्सों में भी मनाई जाती है। भारत की यह विशेषता है की एक त्यौहार देश के अलग अलग राज्यों में अलग अलग नाम से मनाया जाता है लेकिन सभी के मूल में निहित भावना एक होती है और यही विविधता में एकता को दर्शाता है l
जानिए भारत के अन्य राज्यों में किस नाम से मनाया जाता है बैशाखी त्यौहार –
पंजाब –
यहाँ इसे बैसाखी कहा जाता है। यह सिखों का प्रमुख त्योहार है और खालसा पंथ की स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह नई फसल के आगमन का भी प्रतीक है।
असम –
इसे रोंगाली बिहू या बोहाग बिहू कहा जाता है। यह असम में नववर्ष और फसल उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
बंगाल (पश्चिम बंगाल) –
यहाँ इसे पोइला बोइशाख कहा जाता है। यह बंगाली नववर्ष का आरंभ होता है, जिसे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
तमिलनाडु –
इसे पुथांडु कहते हैं। यह तमिल नववर्ष होता है और तमिल लोग इसे पूजा, मिठाइयों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाते हैं।
केरल –
यहाँ इसे विषु कहा जाता है। यह मलयाली नववर्ष होता है और इसमें विशेष पकवान, पूजा और ‘विषुक्कणि’ देखने की परंपरा होती है।
ओडिशा –
इसे महाविषुव संक्रांति या पना संक्रांति कहा जाता है। यह ओड़िया नववर्ष है और इस दिन विशेष पेय ‘पना’ पीने की परंपरा है।
बिहार और उत्तर प्रदेश –
इन राज्यों में इसे बैशाखी के रूप में मनाया जाता है, जो कि नववर्ष और कृषि उत्सव दोनों के रूप में देखा जाता है।
धार्मिक महत्व:
सिख धर्म में:
बैसाखी सिख धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है।
13 अप्रैल 1699 को गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी।
इस दिन को सिख नववर्ष के रूप में भी मनाया जाता है।
गुरुद्वारों में कीर्तन, अरदास और लंगर का आयोजन होता है।
हिंदू धर्म में:
बैसाखी को सूर्य के मेष राशि में प्रवेश के रूप में देखा जाता है, जिसे मेष संक्रांति भी कहते हैं।
कई जगह यह हिंदू नववर्ष के रूप में मनाई जाती है।
गंगा स्नान और मंदिरों में पूजा-अर्चना की जाती है।
सांस्कृतिक महत्व:
कृषि उत्सव: यह रबी की फसल (गेहूं) के कटाई का समय होता है। किसान इस दिन को खुशी और समृद्धि के प्रतीक के रूप में मनाते हैं।
पंजाब और हरियाणा में भांगड़ा और गिद्धा जैसे लोकनृत्य किए जाते हैं।
मेलों, झूलों और पारंपरिक खेलों का आयोजन होता है।
लोग पारंपरिक कपड़े पहनते हैं और पकवान बनाते हैं।
केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से दिल दहला देने वाली आतंकी वारदात सामने आई है। जानकारी के…
गर्मियों के मौसम में हमारे शरीर को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है, क्योंकि इस…
हमारे आसपास जो कुछ भी उसे सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी लगभग हर किसी की होती…
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के इंदागांव में आत्महत्या के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी…
कोरबा संवाददाता - संजू वैष्णव नई दिल्ली स्थित डा. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर मे 23 अप्रैल…
संवाददाता - विमल सोनी " तुहर द्वार - साय सरकार " कार्यक्रम के अंतर्गत प्रधानमंत्री…