जांजगीर-चांपा संवाददाता – राजेन्द्र जायसवाल
भट्ठी का फूटा लावा, झुलस गए 13 कर्मचारी – प्रबंधन की लापरवाही या सिस्टम की चूक?
प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड के महाप्रबंधक पर उठे सवाल, मजदूरों की सुरक्षा पर फिर खड़े हुए गंभीर प्रश्न
चांपा (जांजगीर-चांपा)। शनिवार दोपहर एक भयानक औद्योगिक दुर्घटना ने प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड (पीआईएल), कोटाडाबरी को झकझोर कर रख दिया। फर्नेश (भट्ठी) की सफाई के दौरान अचानक लावा फूट पड़ा और उसकी चपेट में आकर 13 कर्मचारी बुरी तरह झुलस गए। घटना ने न केवल मजदूरों की जान जोखिम में डाली बल्कि कंपनी के सुरक्षा इंतजामों की पोल भी खोल दी।
बताया गया है कि भट्ठी की सफाई के दौरान सेफ्टी पिन में जमी कार्बन की परत को हटाते समय अत्यधिक गर्म कार्बन (1700 डिग्री तापमान से अधिक) अनियंत्रित होकर आसपास फैल गया। ये जलते टुकड़े वहां मौजूद कर्मचारियों और ठेका मजदूरों पर गिर पड़े, जिससे सभी गंभीर रूप से झुलस गए। इनमें से 4 से 5 की हालत चिंताजनक बताई जा रही है।
प्रबंधन की संवेदनहीनता पर सवाल
इस घटना ने प्रकाश इंडस्ट्रीज के महाप्रबंधक की जिम्मेदारी पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। फर्नेश जैसी अत्यंत संवेदनशील यूनिट में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाना, समय पर सेफ्टी ऑडिट न होना और कर्मचारियों को पर्याप्त सुरक्षा उपकरण उपलब्ध न कराना सीधे तौर पर प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करता है।
क्या मजदूर सिर्फ उत्पादन के औजार हैं?
यह कोई पहली बार नहीं है जब पीआईएल में मजदूरों की जान जोखिम में डाली गई है। लेकिन हर बार की तरह, इस बार भी प्रबंधन ने घायलों को अस्पताल भिजवाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली। न तो पहले कोई कड़ी कार्रवाई हुई, न ही दोषी अधिकारियों पर कोई ठोस कदम उठाया गया। क्या इस बार भी यही दोहराया जाएगा?
जिम्मेदार कौन?
क्या महाप्रबंधक के निर्देशन में काम करने वाले सुरक्षा अधिकारी समय पर निरीक्षण कर रहे थे?
क्या भट्ठी की सफाई से पूर्व पर्याप्त सेफ्टी गियर कर्मचारियों को दिए गए थे?
क्या ठेका श्रमिकों की सुरक्षा को उतनी ही प्राथमिकता दी गई जितनी स्थायी कर्मचारियों की?
इन सवालों का जवाब सिर्फ जांच में ही नहीं, बल्कि कार्रवाई में भी नजर आना चाहिए।
प्रशासन हुआ सतर्क, पर क्या यह काफी है?
घटना के तुरंत बाद कलेक्टर आकाश छिकारा, एसपी विवेक शुक्ला सहित जिले के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। पुलिस अधीक्षक ने औद्योगिक सुरक्षा विभाग के साथ मुआयना कर जांच के आदेश भी दिए हैं। लेकिन क्या यही पर्याप्त है?
मांग – महाप्रबंधक पर हो आपराधिक मामला दर्ज
इस गंभीर लापरवाही के लिए महाप्रबंधक को सिर्फ नोटिस थमाना पर्याप्त नहीं। जिन कर्मचारियों की जिंदगी अब अस्पताल में संघर्ष कर रही है, उनके लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए। यदि औद्योगिक सुरक्षा के नियमों की अनदेखी की गई है, तो महाप्रबंधक सहित संबंधित अधिकारियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए।
सिर्फ एक औद्योगिक दुर्घटना नहीं है, बल्कि सिस्टम की एक खतरनाक चूक है।
यह सिर्फ एक औद्योगिक दुर्घटना नहीं है, बल्कि सिस्टम की एक खतरनाक चूक है। और जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलेगी, तब तक मजदूरों की जान यूं ही दांव पर लगती रहेगी। समय आ गया है कि सरकार और प्रशासन इस मामले में उदाहरण प्रस्तुत करे।
संवाददाता/ विकास कुमार यादव बलरामपुर - छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा प्रदेश में…
कोरबा/पाली:- जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की निर्मम हत्या से गोंडवाना…
पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में रतनपुर में रोष जताया गया. विभिन्न संगठनों ने मृतकों…
WhatsApp इस समय दुनियाभर में इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे बड़ा इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप है।…
रायपुर - राज्य शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने रायपुर, बिलासपुर, कोरबा और…
जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर पूरी दुनिया से प्रतिक्रिया…