ज्ञानवापी के सर्वे में मिली 55 मूर्तियां, हिन्दू पक्ष वकील सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में देंगे वैज्ञानिक सर्वे के लिए प्रार्थना पत्र

एएसआई(भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की सर्वे रिपोर्ट में ज्ञानवापी की दीवार सहित कई स्थानों पर मिले विग्रह और धार्मिक चिह्नों की विधिवत जांच की गई। जीपीआर सहित अन्य तकनीक से हुई जांच में कुछ चिह्नों की उम्र दो हजार वर्ष पुरानी मिली है। एएसआई ने प्रत्येक चिह्न को पूरे विवरण के साथ ही प्रस्तुत किया है।

वैज्ञानिक पद्धति से हुए सर्वे में मंदिर के प्रमाण के साथ ही विष्णु, मकर, कृष्ण, हनुमान, द्वारपाल, नंदी, पुरुष और मन्नत तीर्थ सहित अन्य विग्रह मिले हैं। मुगल काल, अंग्रेजी हुकूमत सहित अन्य समय काल के चिह्न मिले हैं। शाह आलम और सिंधिया काल के सिक्के (एक और 25 पैसे) संरक्षित किए गए हैं।

हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने शनिवार को कहा कि 29 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना पत्र देंगे। इसके जरिये सील वजूखाने के वैज्ञानिक पद्धति से सर्वे का अनुरोध किया जाएगा कि वहां मौजूद स्वयंभू शिवलिंग के बारे में एएसआई सर्वे कर बताए कि उनसे संबंधित वास्तविकता है क्या…?

परिसर में जहां भी खोदाई कर साक्ष्य एकत्र करने की जरूरत है, उसके लिए भी सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया जाएगा। खोदाई इस तरह से की जाएगी कि ज्ञानवापी के मौजूदा ढांचे को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचेगा। हमारा उद्देश्य सिर्फ इतना है कि वैज्ञानिक तरीके से यह साबित हो कि ज्ञानवापी का सच क्या है…? शेष, ज्ञानवापी का सर्वे कर एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में वैज्ञानिक तरीके से यह बता ही दिया है कि वहां मस्जिद से पहले भव्य हिंदू मंदिर था। सभी लोगों से हमारी अपील यही है कि धैर्य के साथ वैज्ञानिक तथ्यों को देखें व समझें और कोर्ट के आदेश का इंतजार करें। 

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम को ज्ञानवापी के सर्वे में 55 मूर्तियां मिलीं हैं। इसमें सबसे ज्यादा विग्रह शिवलिंग के मिले हैं। ज्ञानवापी की दीवार सहित कई स्थानों पर 15 शिवलिंग और अलग-अलग काल के 93 सिक्के भी मिले हैं। पत्थर की मूर्तियों के साथ ही अलग-अलग धातु, टेराकोटा सहित घरेलू इस्तेमाल की 259 सामग्रियां मिली हैं। एक पत्थर ऐसा है, जिस पर राम लिखा है। हिंदू पक्ष के अनुसार, वह जो दलीलें दे रहा था और दावे कर रहा था उसकी तस्दीक एएसआई के सर्वे में मिले सबूत करते हैं। सर्वे रिपोर्ट जो सामने आई है और उसमें जिन साक्ष्यों का जिक्र है उसने एक बार फिर अयोध्या मामले की याद दिला दी है।

जीपीआर सर्वे में मुख्य गुंबद के नीचे बेशकीमती पन्नानुमा टूटी कीमती धातु मिली है। इसे मुख्य शिवलिंग बताया जा रहा है। इस स्थान पर खनन और सर्वे की बात कही गई है। एएसआई की 176 सदस्यीय टीम ने ज्ञानवापी परिसर का जो सर्वे किया था, उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक हो चुकी है। रिपोर्ट में ज्ञानवापी को बड़ा हिंदू मंदिर बताया गया है। इसमें 32 अहम हिंदू स्थलों का जिक्र है। शिवलिंग के साथ नंदी, गणेश की मूर्तियां भी मिली हैं।

News36garh Reporter

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