मेरी रचना

जन्माष्टमी विशेष ; योगिराज श्रीकृष्ण को समर्पित ; मुझको मिले यशोदा नन्दन ; आयुष सिंह चंदेल

जन्माष्टमी विशेष ; योगिराज श्रीकृष्ण को समर्पित  मुझको मिले यशोदा नन्दन          रास रचाते देखा कोई और…

3 months ago

मां कैसे सब कर लेती हो…. आयुष सिंह चंदेल की कविता

समर्पित है ; मां कैसे सब कर लेती है ; जो खुद निरक्षर होकर भी सारे जग को पढ़ लेती…

3 months ago

“तंत्र से त्रस्त मन की व्यथा” : वर्तमान परिवेश के राजनीति माहौल में हो रहे उलटफेर पर आयुष सिंह कि कविता

वर्तमान परिवेश के राजनीति माहौल में हो रहे उलटफेर को एक नैसीखिए शायर ने अपनी कविता से क्या खूब बयां…

5 months ago

बसंत का आगमन

ऋतुराज आया है मनोहर धरती पे छाई है रौनक़ मन बसंती हो गया है माँ शारदे का रूप है मोहक…

9 months ago

ममता

माँ अस्पताल में पड़ी शायद अंतिम साँसे गिन रही थी, बाहर बैठा रोहन फेसबुक, whatsaap पे माँ की फ़ोटो के…

9 months ago