पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने का ऐलान किया था। भारत के इस कदम के बाद से ही पाकिस्तान बुरी तरह से बौखलाया हुआ है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सिंधु नदी समझौते के तहत मिलने वाले पानी पर ही पाकिस्तान की पूरी अर्थव्यवस्था और कृषि टिकी हुई है। अब पाकिस्तान लगातार भारत से इस मामले में राहत की मांग कर रहा है। पाकिस्तान ने एक बार फिर से भारत से आग्रह किया है कि वह सिंधु जल संधि को बहाल कर दे।
दरअसल, पाकिस्तान ने हेग स्थित स्थायी मध्यस्थता न्यायालय में सिंधु जल संधि के प्रावधानों के तहत दो पनबिजली परियोजनाओं की डिजाइन को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी। इसे लेकर कोर्ट में कार्यवाही शुरू हुई थी। हालांकि, भारत ने इस कार्यवाही को कोई मान्यता नहीं दी। भारत ने बीते शुक्रवार को इस मामले में कोर्ट के फैसले को भी पूरी तरह से खारिज कर दिया था।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने अपने बयान में कहा है कि मध्यस्थता न्यायालय का पूरक फैसला इस बात की पुष्टि करता है कि सिंधु जल संधि वैध और क्रियाशील है। पाकिस्तान ने कहा है कि ‘‘हम भारत से आग्रह करते हैं कि वह सिंधु जल संधि के सामान्य कामकाज को तुरंत बहाल करे तथा संधि के अपने दायित्वों को पूरी तरह और ईमानदारी से पूरा करे।’’ पाकिस्तान ने कहा है कि सिंधु जल संधि को अक्षरशः और भावना, दोनों रूप से बरकरार रखा जाना चाहिए।









