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कंचनपुर में सरकारी जमीन पर निजी व्यक्तियों द्वारा कब्जा करने और पेड़ों को काटने का आरोप

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संवाददाता – विमल सोनी

बिलासपुर कोटा ब्लॉक कंचनपुर में, सरकारी जंगल की जमीन पर निजी व्यक्तियों द्वारा अवैध कब्जा और पेड़ काटने की खबरें सामने आ रही हैं। इस मामले में, गलत दस्तावेज का उपयोग करके सरकारी जमीन पर कब्जा करने और पेड़ों को काटने का आरोप है।

अवैध कब्जा:
निजी व्यक्तियों द्वारा राजस्व छेड़ छाड, विभाग से मिली भगत कर सरकारी जंगल की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है, जिसका मतलब है कि वह बिना किसी कानूनी अधिकार के उस जमीन पर रह रहा है या उसका उपयोग कर रहा है।
जिनके नाम पर जमीन का नामतरण हैं,प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार, कंचनपुर खसरा नंबर 532,,, यह ज़मीन नौकरीपेशा, व्यापारी और कई लोगों तक को बांट दी गई। जिनके नाम पर ज़मीन दर्ज हुई है, उनमें रतनपुर व बिलासपुर के ये नाम प्रमुख हैं:
जानिए यें घोटालो कोई समान्य ढंग या बिना राजनैतिक पकड़ के संभव नहीं था इस पर कई गहरे राज होने और कई प्रमुख हस्तीयो के नाम उजागर होंगे,,, आने वाले जाँच मे सभी चेहरे बेनक़ाब होंगे बहर आल जिनका इस जमीन पर जालसाजी या गलत कब्जा हैं उनके नाम और जमीन की स्थिति,,.
इस प्रकार हैं——

अनिल अग्रवाल 0.4690 + 1.0360
सुनील अग्रवाल 1.4410
आरती अग्रवाल 7.0000
दीपक अग्रवाल 9.5000
मौना अग्रवाल 1.5543
ललित अग्रवाल 1.5050
सुनीता अग्रवाल 1.5050
राजवर्धन सिंह 4.0480
अमरदीप किस्पोट्टा 2.5280
प्रवीण कुजूर (दिल्ली) 3.0380
लक्ष्मण 2.0230
कांति मिंज / जान बास्को

सरकारी जंगल की जमीन पर मौजूद पेड़ों को काटा जा रहा है, जो कि एक गंभीर अपराध है।
गलत दस्तावेज:
इस अवैध कब्जे और पेड़ों की कटाई के लिए, गलत दस्तावेज का उपयोग किया जा रहा है, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो जाता है।
कानूनी कार्यवाही:
इस मामले में, स्थानीय प्रशासन द्वारा कानूनी कार्यवाही की जाने मागे उठ रही है, जिसमें अवैध कब्जे और पेड़ों की कटाई करने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शिकायत:
इस मामले में, स्थानीय लोगों द्वारा पुलिस और वन विभाग में शिकायत दर्ज कराई गई है, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।
अन्य महत्वपूर्ण बातें:
जंगलों का महत्व:
जंगल हमारे पर्यावरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, और पेड़ों की कटाई से पर्यावरण को भारी नुकसान होता है।
अतिक्रमण:
सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करना एक अपराध है, और इस पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
यह एक गंभीर मामला है और इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।

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