इस वर्ष श्रावण मास की शुरुआत 11 जुलाई 2025 से हो रही है। भगवान शिव को समर्पित यह महीना श्रद्धा, तपस्या और आस्था का प्रतीक माना जाता है। शिवभक्त पूरे महीने व्रत रखते हैं, रुद्राभिषेक करते हैं और विशेष पूजन के माध्यम से भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
इस बार चार विशेष सावन सोमवार पड़ रहे हैं — 14, 21, 28 जुलाई और 4 अगस्त, जो शिव आराधना के लिए अत्यंत शुभ माने जा रहे हैं।
श्रद्धालु अब पूजा-पाठ के साथ-साथ वस्त्रों के रंगों के माध्यम से भी शिव कृपा प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। परंपरागत मान्यताओं के अनुसार, सावन में महिलाएं हरे रंग के वस्त्र और चूड़ियाँ पहनती हैं। यह रंग सौभाग्य, समृद्धि और वैवाहिक जीवन की सुख-शांति का प्रतीक माना गया है।
इस पावन माह में हर भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए अपने-अपने तरीके से आराधना करता है — कोई जल अर्पण करता है, कोई व्रत रखता है, तो कोई श्रद्धा से बस “हर हर महादेव” का जाप करता है।
मान्यता है कि यदि प्रत्येक सोमवार को विशेष रंग के वस्त्र धारण करके पूजा की जाए, तो वह रंग सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है और मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायक होता है।
सावन सोमवार पर कौन-सा रंग पहनना है? जानिए हर सोमवार का शुभ रंग
श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ वस्त्रों के रंगों का भी विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि हर सोमवार यदि विशेष रंगों के वस्त्र धारण किए जाएं, तो भोलेनाथ की कृपा और अधिक प्राप्त होती है। आइए जानें इस बार के चारों सावन सोमवार के लिए कौन-सा रंग रहेगा शुभ:
14 जुलाई – पहला सोमवार
रंग: सफेद
सफेद रंग शांति, पवित्रता और सरलता का प्रतीक है। इस दिन सफेद वस्त्र पहनकर शांत मन से शिव आराधना करने पर विशेष मानसिक शांति और शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
21 जुलाई – दूसरा सोमवार
रंग: हरा
हरा रंग प्रकृति, ताजगी और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। सावन की हरियाली और शिव का प्राकृतिक रूप इस रंग से जुड़ा है। हरे वस्त्र पहनने से उन्नति और स्वास्थ्य में सुधार की मान्यता है।
28 जुलाई – तीसरा सोमवार
रंग: पीला
पीला रंग ज्ञान, भक्ति और सौभाग्य से जुड़ा होता है। इस दिन पीले वस्त्र पहनकर की गई पूजा से आत्मविश्वास और मानसिक ऊर्जा बढ़ती है।
4 अगस्त – चौथा सोमवार
रंग: नीला या आसमानी नीला
नीला रंग भीतर की शांति, संयम और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। इस दिन नीले या हल्के नीले रंग के वस्त्र पहनकर की गई आराधना में भक्ति की गहराई और शिव से जुड़ाव अधिक माना जाता है।









