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ज्यादा चाय पीते हैं तो हो जाएं सावधान—सेहत पर हो सकता है बड़ा असर, दिल और हड्डियों के लिए बन सकता है खतरा।

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अधिकांश लोगों के लिए दिन में 2–3 कप ब्लैक या ग्रीन टी पीना नुकसानदेह नहीं, बल्कि फायदेमंद हो सकता है। चाय में कैलोरी की मात्रा कम होती है और यह पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होती है, जो शरीर को मुक्त कणों से लड़ने में मदद करते हैं। इसके अलावा, एक व्यस्त दिन के दौरान चाय मानसिक सुकून भी देती है।

हालांकि, चाय की पत्तियों में कैफीन, टैनिन और सूक्ष्म खनिज (माइक्रो मिनरल्स) भी मौजूद होते हैं। जब इनका सेवन अधिक मात्रा में किया जाता है, तो यह सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं। खासतौर पर ज्यादा चाय पीने से पाचन तंत्र पर असर, सिरदर्द, बेचैनी, और नींद की गड़बड़ी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

ज्यादा चाय पीना बन सकता है सेहत के लिए खतरा, जानिए कैसे हो सकता है नुकसान

चाय दिनभर की थकान को दूर करने और तरोताज़ा महसूस कराने का एक लोकप्रिय उपाय है, लेकिन अगर इसकी मात्रा ज़रूरत से ज़्यादा हो जाए, तो यह सेहत को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा सकती है। जानिए, अधिक चाय पीने से आपके शरीर पर क्या असर पड़ सकता है:

 आयरन के अवशोषण में रुकावट

चाय की पत्तियों में मौजूद टैनिन एक ऐसा यौगिक है जो भोजन में पाए जाने वाले नॉन-हीम आयरन से बंध जाता है। इससे शरीर में आयरन का अवशोषण कम हो सकता है।

यह असर खासकर शाकाहारी और वीगन लोगों में अधिक देखा गया है, क्योंकि उनका आयरन मुख्यतः दाल, बीन्स और हरी सब्जियों से आता है।

यदि आप भोजन के साथ ही चाय पीते हैं और थकान, कमजोरी या लो फेरिटिन लेवल जैसी समस्या महसूस कर रहे हैं, तो भोजन के एक घंटे बाद चाय पीने की आदत डालें।

 कैफीन से चिंता, बेचैनी और नींद में खलल

एक कप काली या स्ट्रॉन्ग ग्रीन टी में औसतन 40–60 मिलीग्राम कैफीन होता है। यदि कैफीन का सेवन रोजाना 400 मिलीग्राम से अधिक हो जाए, तो ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं:

दिल की धड़कन का तेज़ होना

घबराहट और हाथों में कंपन

रात में नींद बार-बार खुलना

कुछ लोगों को चाय की थोड़ी-सी मात्रा में भी ये लक्षण महसूस हो सकते हैं, खासकर कैफीन-सेंसिटिव व्यक्तियों में। इसलिए चाय की मात्रा और शरीर की प्रतिक्रिया को समझना बेहद जरूरी है।

 पाचन गड़बड़ी और एसिड रिफ्लक्स की आशंका

ज्यादा चाय पीने से पाचन तंत्र प्रभावित हो सकता है।

टैनिन और कैफीन गैस्ट्रिक एसिड को बढ़ाते हैं, जिससे सीने में जलन, भारीपन और एसिड रिफ्लक्स जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

खाली पेट या बहुत गर्म चाय पीना इन लक्षणों को और बढ़ा सकता है।

सिरदर्द और कैफीन विथड्रॉल

बार-बार चाय पीने से जब शरीर को अचानक कैफीन नहीं मिलता, तो विथड्रॉल हेडेक यानी सिरदर्द की शिकायत होने लगती है।

यदि आप प्रतिदिन 700 मिलीग्राम या उससे अधिक कैफीन लेते हैं, तो इससे क्रोनिक टेंशन सिरदर्द या लगातार सिर में भारीपन की समस्या हो सकती है।

इसका समाधान धीरे-धीरे मात्रा को घटाना है, ना कि एकदम बंद करना।

 कैफीन पर निर्भरता और लत की स्थिति

कैफीन मस्तिष्क में मौजूद एडेनोसिन रिसेप्टर्स को ब्लॉक करता है, जिससे नींद और थकान के संकेत दब जाते हैं।

जब यह आदत बन जाती है, तो व्यक्ति दिनभर चाय के बिना असहज महसूस करने लगता है।

यह शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी लत जैसी स्थिति बन सकती है।

  गर्भावस्था में जोखिम

गर्भवती महिलाओं को कैफीन का सेवन 200 मिलीग्राम प्रतिदिन से अधिक नहीं करना चाहिए, जो लगभग 3 छोटे कप चाय के बराबर होता है।

अधिक कैफीन से गर्भपात, शिशु का कम वजन, या गर्भ के विकास में बाधा आने की संभावना हो सकती है।

हड्डियों की सेहत पर असर

अत्यधिक चाय पीने से कैफीन के ज़रिए शरीर से कैल्शियम का उत्सर्जन बढ़ सकता है।

लंबे समय तक ऐसा होने पर हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है, खासकर उन लोगों में जो पहले से ही कम कैल्शियम वाला आहार लेते हैं।

ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन में वृद्धि

कैफीन शरीर में नॉरएड्रेनालाईन जैसे हार्मोन्स को सक्रिय करता है, जिससे

ब्लड प्रेशर अस्थायी रूप से बढ़ सकता है

कुछ लोगों में तेज हार्ट रेट या धड़कन अनियमित हो सकती है

यदि आप हाई बीपी या अतालता (Arrhythmia) से पीड़ित हैं, तो चाय की मात्रा और समय पर खास ध्यान दें

 

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