22 जुलाई 2025, मंगलवार को श्रावण मास का भौम प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है। इस विशेष संयोग में मंगलवार (भौम) और प्रदोष तिथि एक साथ आने से यह दिन शिवभक्तों के लिए अत्यंत फलदायक माना गया है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से कर्ज से मुक्ति, भूमि विवादों का समाधान, और शारीरिक व मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
भौम प्रदोष व्रत का महत्व
‘भौम’ शब्द का संबंध मंगल ग्रह से है। ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह ऋण, क्रोध, दुर्घटनाएं और भूमि से जुड़ी समस्याओं का कारक होता है। ऐसे में मंगलवार को आने वाला प्रदोष व्रत मंगल दोष शांत करने और जीवन में स्थिरता लाने वाला माना जाता है। इस दिन भगवान शिव के साथ मां पार्वती, नंदी और भगवान गणेश की पूजा भी विशेष रूप से की जाती है।
शिव अभिषेक का शुभ मुहूर्त
प्रदोष काल अभिषेक समय: शाम 7:16 बजे से रात 9:26 बजे तक
यदि इस समय अभिषेक न कर सकें, तो सूर्यास्त के बाद किसी भी समय शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद और गंगाजल से अभिषेक करें। साथ ही बेलपत्र, अक्षत, सफेद फूल और धूप-दीप अर्पित करें।
क्या करें इस दिन?
व्रत रखने वाले भक्त दिन भर व्रत रखें और प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करें।
शिव पुराण या रुद्राष्टक का पाठ करें।
शाम के समय दीपक जलाकर शिव मंदिर में दर्शन करें।
जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।
शिव चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना गया है।
इन कामों से मिलेगा विशेष फल
जो व्यक्ति कर्ज में डूबा हो, वह इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाकर “ॐ नमः शिवाय” का 108 बार जाप करे।
भूमि विवाद में फंसे लोग मिट्टी का शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा करें और श्री गणेश को दूर्वा अर्पित करें।
मंगल दोष से परेशान लोग लाल वस्त्र धारण करें और हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करें।









