देश की आर्थिक जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कारोबारी अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियों पर बड़ा एक्शन लिया है। जानकारी के मुताबिक, ईडी की टीमें मुंबई समेत देश के करीब 50 स्थानों पर छापेमारी कर रही हैं। यह कार्रवाई केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज की गई दो प्राथमिकियों के आधार पर की जा रही है।
अनिल अंबानी, जो रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन और उद्योगपति मुकेश अंबानी के छोटे भाई हैं, अब गंभीर आर्थिक जांच के घेरे में आ गए हैं। ईडी की यह कार्रवाई कथित कर्ज घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों को लेकर की जा रही है।
इस बीच, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने हाल ही में अनिल अंबानी को “धोखेबाज उधारकर्ता” यानी फ्रॉड डिफॉल्टर घोषित किया था, जिससे उनके खिलाफ जांच और भी गंभीर हो गई है।
ED की कार्रवाई
– 24 जुलाई 2025 को, ED ने अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियों के 35 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की।
– जांच में सामने आया कि 2017 से 2019 के बीच YES बैंक से लिए गए ₹3,000 करोड़ के कर्ज को शेल कंपनियों के माध्यम से डायवर्ट किया गया।
– इन कर्जों को मंजूर कराने के लिए बैंक अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोप भी लगे हैं।
SEBI की कार्रवाई
– 2024 में, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों पर ₹25 करोड़ का जुर्माना लगाया।
– इसके साथ ही, उन्हें और 24 अन्य संस्थाओं को 5 साल के लिए सिक्योरिटीज मार्केट से प्रतिबंधित किया गया।
– SEBI की जांच में पाया गया कि रिलायंस होम फाइनेंस से फंड डायवर्जन की धोखाधड़ी योजना बनाई गई थी।
कंपनियों की प्रतिक्रिया
– रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने बयान जारी कर कहा है कि वे जांच में पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं और सभी कार्य कानूनी रूप से किए गए हैं।
शेयर बाजार पर असर
– ED की कार्रवाई के बाद, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के शेयरों में 4% तक की गिरावट दर्ज की गई।
यह कार्रवाई अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों के लिए अब तक की सबसे बड़ी कानूनी चुनौती मानी जा रही है।









