जांजगीर-चांपा संवाददाता – राजेन्द्र जायसवाल
जांजगीर-चांपा जिले के क्रमांक 1 स्कूल के बगल स्थित मैदान में बने दिल्ली के लाल किला के मॉडल को जिले का गौरव और शान कहा जा सकता है। यह मॉडल न केवल ऐतिहासिक धरोहर की याद दिलाता है, बल्कि जिले के सांस्कृतिक और सौंदर्यबोध को भी दर्शाता है। लेकिन वर्तमान में यह मॉडल और उसका सम्मान दोनों नगर पालिका परिषद जांजगीर-नैला की लापरवाही का शिकार हो गए हैं।
दरअसल, लालकिला मॉडल के सामने सुरक्षा के प्रतीक के रूप में बनाए गए दरबान (रक्षक) की प्रतिमा बीते 2 से 3 महीनों से सड़क किनारे बनी नाली में गिरी हुई है। यह स्थिति न सिर्फ शर्मनाक है, बल्कि पूरे जिले की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाली है। सबसे हैरानी की बात यह है कि यह स्थान जांजगीर-नैला नगर पालिका परिषद के सीएमओ सहित कई अधिकारियों और कर्मचारियों के नियमित आवागमन मार्ग में पड़ता है, फिर भी इसे अनदेखा किया जा रहा है।

लाल किला के आसपास के स्थानीय व्यापारियों का गुस्सा
आसपास के ठेला और गुमटी संचालकों ने बताया कि दरबान की प्रतिमा काफी समय से नाली में गिरी हुई है। कई बार उन्होंने यह बात नगरपालिका के अधिकारियों के संज्ञान में लाने की कोशिश की, लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। यह दर्शाता है कि प्रशासन की प्राथमिकताओं में जिले की छवि और सौंदर्य का कोई स्थान नहीं है।
सीएमओ और कर्मचारियों की चुप्पी
नगर पालिका परिषद जांजगीर-नैला के मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) और उनके अधीनस्थ अधिकारी कई बार इस मार्ग से गुजरते हैं, लेकिन दरबान की यह हालत उन्हें नहीं दिखाई देती। शायद उनकी नजरें किसी और ‘कमिशन’ की ओर लगी रहती हैं। जब जनता के पैसों से बनवाए गए मॉडल की देखरेख भी न की जाए, तो नगर प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजमी है।

जांजगीर चांपा जिले की बेइज्जती
लालकिला मॉडल का दरबान नाली में पड़ा हुआ देख कोई भी बाहरी व्यक्ति जांजगीर-चांपा जिले की प्रशासनिक गंभीरता पर सवाल खड़ा करेगा। यह केवल एक मूर्ति का गिरा होना नहीं है, बल्कि यह जिले की गरिमा और स्वाभिमान का गिरना है।
मांग: तत्काल संज्ञान ले नगर पालिका
नगर पालिका परिषद जांजगीर-नैला के सीएमओ से यह अपेक्षा की जाती है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और तुरंत उस दरबान प्रतिमा को उचित स्थान पर पुनः स्थापित करवाएं। साथ ही, भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही न हो, इसके लिए जवाबदेही तय की जाए।









