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चांपा नगर पालिका परिषद पर स्ट्रीट लाइट संकट को लेकर उठते सवाल – भाजपा शासित निकाय की घोर लापरवाही से जनता परेशान

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जांजगीर-चांपा संवाददाता – राजेन्द्र जायसवाल

चांपा नगर की गलियों और सड़कों पर पसरा घना अंधेरा आज जनजीवन को भय और असुरक्षा के वातावरण में ढकेल चुका है। नगर पालिका परिषद की घोर लापरवाही और भाजपा शासित स्थानीय प्रशासन की उदासीनता ने स्थिति को और भी भयावह बना दिया है। वार्ड नंबर 1 से 27 तक के कई मोहल्लों में स्ट्रीट लाइटें या तो बंद पड़ी हैं या पूरी तरह गायब हो चुकी हैं, जिससे रात होते ही पूरा इलाका अंधकार में डूब जाता है।

नेता प्रतिपक्ष और पार्षदों की चेतावनी को किया नजरअंदाज

विपक्षी पार्षदों और नेता प्रतिपक्ष द्वारा कई बार नगर पालिका परिषद और अधिकारियों को इस विषय पर आवेदन, पत्र और मौखिक शिकायतें दी गईं, लेकिन नतीजा सिफर रहा। भाजपा शासित नगर पालिका अध्यक्ष और पार्षद जनता की समस्याओं से पूरी तरह बेपरवाह नजर आ रहे हैं। जनता का आरोप है कि भाजपा के प्रतिनिधियों ने केवल दिखावे की राजनीति की है, जबकि जमीन पर कोई कार्य नहीं हुआ।

अंधेरे में डूबे मोहल्ले – अपराधों की आशंका बढ़ी

वर्तमान में चांपा नगर के कई वार्डों में सड़कें पूरी तरह अंधेरे में डूबी हैं। शाम ढलते ही मोहल्लों में सन्नाटा और भय का माहौल छा जाता है। महिलाएं, बुजुर्ग और स्कूली बच्चे शाम को घर से निकलने में डरने लगे हैं। अंधेरे का फायदा उठाकर असामाजिक तत्व भी सक्रिय हो सकते हैं, जिससे चोरी, छेड़छाड़ और अन्य आपराधिक घटनाओं की संभावनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।

मानसून में और गंभीर होगी स्थिति

यह चिंता और बढ़ जाती है जब मानसून के मौसम में जलभराव, कीचड़ और सड़क पर बने गड्ढों के बीच लोगों को बिना रोशनी के चलना पड़ता है। बिजली के खुले तार और खराब खंभे कभी भी हादसे का कारण बन सकते हैं। बारिश के मौसम में रोशनी की अनुपस्थिति जनता के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।

प्रशासन और भाजपा सरकार की चुप्पी चिंताजनक

जनता का सवाल है – आखिर क्यों भाजपा सरकार और चांपा नगर पालिका परिषद इस गंभीर मुद्दे पर चुप है? क्या नागरिकों की सुरक्षा अब भाजपा के एजेंडे में नहीं है? बार-बार चेतावनी के बावजूद कार्यवाही न होना इस बात का प्रतीक है कि भाजपा शासन में जनता की आवाजों का कोई मोल नहीं रहा।

जनता अब आंदोलन को तैयार

स्थानीय नागरिक अब इस मुद्दे को लेकर संगठित हो रहे हैं और चेतावनी दे रहे हैं कि यदि जल्द ही सभी वार्डों में स्ट्रीट लाइट की मरम्मत या नई लाइटों की व्यवस्था नहीं की गई, तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। यह अब केवल एक सुविधाजनक सेवा नहीं, बल्कि सुरक्षा से जुड़ा गंभीर प्रश्न बन चुका है।

चांपा नगर में स्ट्रीट लाइट की समस्या भाजपा शासित नगर पालिका परिषद की नाकामी को उजागर करती है।

चांपा नगर में स्ट्रीट लाइट की समस्या भाजपा शासित नगर पालिका परिषद की नाकामी को उजागर करती है। यह समय है कि शासन-प्रशासन इस समस्या पर गंभीरता से ध्यान दे और युद्धस्तर पर कार्यवाही कर नगरवासियों को राहत दे। अगर अब भी चुप्पी बनी रही, तो जनता के सब्र का बाँध टूट सकता है – और तब भाजपा को इसका राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

> चांपा की जनता अब सवाल कर रही है – अंधेरे से लड़ें या भाजपा की लापरवाही से?

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