रतनपुर संवाददाता – विमल सोनी
कोटा विधानसभा के कोटा विकासखंड के अंतिम गांव खोँगसरा आमगोहन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जिसका काम मरीजों का इलाज करना है वह खुद बीमार हो गया है
इस अस्पताल मे एक mbbs एक rma दो स्टॉफ नर्स एक anm एक लैब तकनीशियन एक वार्ड आया और एक स्वीपर होना चाहिए जिसमे सिर्फ एक rma और वार्ड आया व anm ही बचे हैँ बाकी का स्थानांतरण कर दिया गया
सोमवार को सुबह दो दिन की लगातार बारिश के बाद मरीज ज़ब इलाज कराने अस्पताल पंहुचे तब पता चला कि अस्पताल मे न ही डॉक्टर हैँ और न ही कोई नर्स काफ़ी देर इंतजार करने के बाद ग्रामीणों ने इसकी जानकारी पूर्व जनपद अध्यक्ष संदीप शुक्ला को दी तब शुक्ला ने bmo से सम्पर्क किया तो पता चला कि ग्रामीण स्वास्थ्य सहायक मिथलेश कुमार बिना पूर्व सूचना के नदारद हैँ और जिनके भरोसे पर अस्पताल अभी तक चल रहा था योगेशवरी रजक, गीता राठिया जो स्टॉफ नर्स के पद पर कार्यरत थी उनका भी स्थान्तरण हो गया जिस वजह से 4 जुलाई को उन्हें रिलीफ कर दिया गया
इन सभी अव्यस्थावो के बीच एक युवक जहर खा लिया था जिसे आनन फानन मे इलाज के लिए लाया गया किन्तु कोई भी चिकित्सक न होने के कारण युवक को बिलासपुर रेफर किया गया

ये घटना कोई पहली घटना नहीं है हर समय कोई न कोई आपातकालीन मरीज पंहुँचता हैं तो उसे रेफर कर औपचारिकता पूरी कर ली जाती है फिर चाहे मरीज की जान बचे या न बचे
पूर्व जनपद अध्यक्ष संदीप शुक्ला ने कहा की केंदा खोँगसरा बेलगहना स्वास्थ्य केंद्र की हालत दयनीय है यंहा मरीजों को कभी दवाई नहीं मिलती कभी डॉक्टर नहीं मिलते
संदीप शुक्ला ने bmo गुप्ता से चर्चा कर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत डॉक्टर नियुक्ति की बात कही और स्वास्थ्य के मामले मे अति संवेदनशील क्षेत्र खोँगसारा, केंदा, टेंगन माडा मे व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग रखी
कोटा विधानसभा के अस्पतालों की हालत दयनीय है विभाग इन संवेदनशील क्षेत्र के प्रति लापरवाह है व्यवस्था सुधार की नितांत आवश्यकता है
संदीप शुक्ला
पूर्व जनपद अध्यक्ष कोटा









