जिला जांजगीर-चांपा, छत्तीसगढ़ :
कांग्रेस विधायक व्यास नारायण कश्यप को लेकर अब जिलेभर में असंतोष की लहर है। जिन उम्मीदों के साथ जनता ने उन्हें विधायक बनाकर विधानसभा भेजा था, वही जनता अब खुद को ठगा महसूस कर रही है। जिले के केवल पांच ब्लॉकों को संभाल पाने में भी वे असफल नजर आ रहे हैं, जबकि पूर्व भाजपा विधायक नारायण चंदेल के कार्यकाल में नौ ब्लॉकों का समुचित संचालन किया जाता था।
कार्यकर्ताओं में निराशा, जनता में रोष
विधायक व्यास कश्यप को जनता ने भारी बहुमत से जिताया, लेकिन जीत के बाद वे आम जनता से पूरी तरह कटे-कटे नजर आने लगे हैं। ब्लॉक-वार कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति न के बराबर रही है, और किसी भी छोटे-बड़े कार्यक्रम में उनकी भागीदारी दुर्लभ होती जा रही है। कई बार ऐसा देखने को मिला कि जरूरतमंद, खासकर गरीब तबके के लोग विधायक से मिलने उनके कार्यालय या कार्यक्रम में जाते हैं, लेकिन उन्हें निराश होकर लौटना पड़ता है।
विधायक प्रतिनिधियों की भरमार, जिम्मेदारी का अभाव
वर्तमान विधायक ने सिर्फ पांच ब्लॉकों के लिए ही नहीं, बल्कि उनमें भी पांच से अधिक विधायक प्रतिनिधि नियुक्त कर दिए हैं। ऐसे में जनता सवाल उठाती है कि जब एक ही ब्लॉक में कई प्रतिनिधि नियुक्त किए गए हैं, तो फिर भी जनसमस्याएं क्यों जस की तस बनी हुई हैं? प्रतिनिधियों की नियुक्ति के बावजूद समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा, जो केवल राजनीतिक संतुलन या अपने लोगों को पद बांटने का संकेत देता है।
विकास कार्य ठप, जनता को ‘गंगा उल्टी बहने’ का अहसास
विकास कार्यों के नाम पर सिर्फ कागजों में योजनाएं बन रही हैं, जमीनी हकीकत में कुछ भी नहीं बदला है। न सड़कों की हालत सुधरी, न स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हुईं, न ही बेरोजगार युवाओं के लिए कोई ठोस योजना आई। गरीब तबके के लोग जब अपने काम लेकर विधायक के पास पहुंचते हैं, तो उन्हें यह कहकर लौटा दिया जाता है कि “विधायक व्यस्त हैं” या “विधायक उपलब्ध नहीं हैं”।
जनता पूछ रही है – कहां हैं हमारे विधायक?
अब सवाल यह उठता है कि अगर जनता को अपने ही विधायक से मिलने के लिए संघर्ष करना पड़े, तो फिर उस जनप्रतिनिधि का औचित्य क्या रह जाता है? क्या विधायक का कर्तव्य केवल चुनाव जीतने तक सीमित है? क्या जनता केवल एक ‘वोट बैंक’ बनकर रह गई है?
जिला जांजगीर-चांपा की जनता अब जागरूक हो चुकी है।
जिला जांजगीर-चांपा की जनता अब जागरूक हो चुकी है। उन्हें विकास चाहिए, दिखावे की राजनीति नहीं। यदि कांग्रेस विधायक व्यास नारायण कश्यप ने जनता से संवाद नहीं बढ़ाया, और धरातल पर कार्य नहीं किए, तो आने वाले चुनावों में जनाक्रोश बड़ा रूप ले सकता है। समय रहते विधायक को जनता की नब्ज समझनी होगी, नहीं तो यह असंतोष आगामी चुनावों में बड़ा मुद्दा बन सकता है।

पूर्व विधायक नारायण चंदेल जी व्यास नारायण कश्यप विधायक जांजगीर चांपा








