नई दिल्ली-
भारत और ब्रिटेन के बीच हुए नए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) ने लग्जरी गाड़ियों के शौकीनों के लिए बड़ी राहत की उम्मीद जगाई है। इस डील के तहत अब ब्रिटेन में बनी लग्जरी कारों पर भारत में लगने वाला आयात शुल्क (Import Duty) 100% से घटकर सिर्फ 10% तक हो सकता है। हालांकि, यह छूट सीमित कोटे में ही मिलेगी, यानी हर खरीदार को इसका फायदा नहीं मिलेगा।
अब लग्जरी गाड़ियां मिल सकती हैं आधे दाम में
FTA लागू होने के बाद रोल्स-रॉयस, बेंटले, मैकलारेन, लैंड रोवर, जैगुआर और एस्टन मार्टिन जैसी कंपनियों को भारत में अपने वाहन बेचने में और आसानी होगी। माना जा रहा है कि:
मैकलारेन 750S (मौजूदा कीमत: ₹5.91 करोड़) अब लगभग ₹3 करोड़ में उपलब्ध हो सकती है।
बेंटले बेंटायगा (फिलहाल ₹6 करोड़) की कीमत घटकर ₹3 करोड़ तक जा सकती है।
रोल्स-रॉयस कलिनन, जो अभी ₹12 करोड़ में मिलती है, FTA के बाद करीब ₹6 करोड़ में मिल सकती है।
हालांकि, जीएसटी, रजिस्ट्रेशन चार्ज और इंश्योरेंस जैसे अन्य टैक्स लागू रहेंगे।
कोटा सिस्टम क्यों है जरूरी?
सरकार इस छूट को पूरी तरह खुला नहीं रखेगी। इसके लिए एक कोटा सिस्टम बनाया जाएगा जिससे यह छूट सिर्फ कुछ गाड़ियों तक सीमित रहे। अलग-अलग कोटा पेट्रोल, डीज़ल और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए तय किया जाएगा। इससे बाजार में संतुलन बना रहेगा और टैक्स रेवेन्यू में भी भारी गिरावट नहीं होगी।
बाइक्स पर भी पड़ेगा असर
यह राहत सिर्फ कारों तक ही सीमित नहीं है। ब्रिटेन की हाई-एंड बाइक कंपनियों की बाइक्स जैसे:
Triumph Rocket 3 Storm (₹22.49 लाख)
Tiger 1200 (₹19.39 लाख)
भी अब सस्ती हो सकती हैं। ये बाइक्स भारत में पूरी तरह बनी हुई यूनिट (CBU) के रूप में आती हैं, जिन पर अब तक भारी टैक्स लगता था।
भारतीय कंपनियों को भी मिलेगा फायदा
FTA का लाभ सिर्फ ब्रिटिश कंपनियों तक सीमित नहीं रहेगा। इससे भारतीय ऑटो कंपनियों को भी अपना निर्यात बढ़ाने का मौका मिलेगा। जैसे:
महिंद्रा यूरोप और UK के लिए नई रणनीति के साथ तैयार है।
मारुति सुजुकी की पहली इलेक्ट्रिक कार ई-विटारा पहले ही ब्रिटेन में बिक रही है।
रॉयल एनफील्ड, बजाज, टीवीएस जैसी कंपनियां भी अब अपने वाहनों को विदेशी बाजारों में बेहतर शर्तों पर बेच सकेंगी।









