बस्तर संवाददाता – अर्जुन झा
जगदलपुर के इंदिरा प्रियदर्शिनी स्टेडियम परिसर में डीएवी राष्ट्रीय स्तर की त्रिदिवसीय राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता का भव्य एवं गरिमामय आयोजन संपन्न हुआ। इस प्रतियोगिता में छह क्लस्टरों के अंतर्गत आने वाले 73 डीएवी विद्यालयों के 1023 प्रतिभाशाली खिलाड़ी एवं 200 क्रीड़ा शिक्षक उत्साहपूर्वक सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्री केदार कश्यप जी के करकमलों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। राज्य गीत, राष्ट्रगान, डीएवी गान एवं रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने पूरे वातावरण को उत्साह, ऊर्जा और देशभक्ति की भावना से सराबोर कर दिया। इस अवसर पर रीजनल ऑफिसर श्री प्रशांत सर, प्राचार्य श्री शैलेश कुमार सर तथा बस्तर जिले के सभी प्रभारी प्राचार्यगण की गरिमामय उपस्थिति रही।
प्रतियोगिता में फुटबॉल, बास्केटबॉल, बैडमिंटन, टेनिस, टेबल टेनिस, कुश्ती, वेटलिफ्टिंग, जूडो, कराटे, बॉक्सिंग, कबड्डी एवं शतरंज जैसे विविध खेलों का आयोजन किया गया, जिनमें खिलाड़ियों ने अनुशासन, जोश और खेल भावना का अद्भुत प्रदर्शन किया।

इन्हीं प्रतियोगिताओं में डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल, उलनार की बालिका कबड्डी टीम ने अपने शानदार प्रदर्शन से सभी का ध्यान आकर्षित किया। शारीरिक शिक्षिका सुश्री विजयलक्ष्मी साहू के कुशल मार्गदर्शन में खिलाड़ियों ने लंबे समय तक निरंतर अभ्यास किया, जिसका परिणाम इस प्रतियोगिता में देखने को मिला।
उलनार की इन प्रतिभाशाली बेटियों ने अपने संघर्ष, समर्पण और जज़्बे के बल पर फाइनल में डीएवी पब्लिक स्कूल जाता (बेमेतरा) के साथ खेलते हुए द्वितीय स्थान प्राप्त कर रजत पदक अपने नाम किया। दोनों टीमों से मिश्रित 12 बालिकाओं का राष्ट्रीय स्तर में सिलेक्शन हुआ है।
इनका यह उत्कृष्ट प्रदर्शन न केवल विद्यालय का गौरव बढ़ाने वाला है, बल्कि बस्तर की धरती को भी गर्व से आलोकित करने वाला क्षण बना।
विद्यालय के प्राचार्य श्री मनोज शंकर ने बालिका टीम को इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा
> “हमारी बेटियों ने यह सिद्ध कर दिया है कि यदि लक्ष्य स्पष्ट हो और मन में दृढ़ निश्चय हो, तो सफलता अवश्य प्राप्त होती है।”
खिलाड़ियों के माता-पिता ने भी अपनी बेटियों की सफलता पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि यह उपलब्धि पूरे क्षेत्र की बेटियों के लिए प्रेरणादायक मिसाल है।
समापन समारोह में विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार एवं प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।
सभी विद्यालयों, प्रशिक्षकों और खेल अधिकारियों के समर्पण एवं सहयोग की सराहना की गई।
उलनार की ये बेटियाँ आज पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा, साहस और आत्मविश्वास की प्रतीक बन चुकी हैं — जिन्होंने यह साबित कर दिया कि संकल्प, परिश्रम और एकजुटता से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।









